इंदौर
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने कोविड के दौरान नगर निगम में कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु के मामले में उसकी पत्नी को मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ देने का आदेश दिया है। योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि पर शासन को बैंक दर से ब्याज भी देना होगा। मामला निगमकर्मी जगदीश करोसिया का है।
10 जुलाई 2020 को नगर निगम ने उन्हें सुपरवाइजर के रूप में नियुक्ति दी थी। उनके जिम्मे कोरोना संक्रमित क्षेत्र में सैनिटाइजर इत्यादि से छिड़काव करवाने की जिम्मेदारी थी। काम के दौरान 29 अगस्त 2020 को उनकी कोरोना से मृत्यु हो गई।
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जगदीश की पत्नी अलका ने शासन को आदेश देकर मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ दिए जाने की गुहार लगाई, लेकिन डिप्टी रिलीफ कमिश्नर ने नियमों का हवाला देते हुए इस आवेदन को निरस्त कर दिया। उनका कहना था कि वे योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
इस पर एडवोकेट आयुष अग्रवाल के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने शासन को आदेश दिया कि वह जगदीश की पत्नी को योजना का लाभ दे। कोर्ट ने योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि पर बैंक दर से ब्याज भी दिलवाया है।
कर्बला मैदान मामले में हाई कोर्ट में दायर हुई अपील
कर्बला मैदान मामले में 13 सितंबर को आए जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में अपील दायर हुई है। यह अपील पंच मुसलमान कर्बला मैदान कमेटी लालबाग रोड इंदौर की ओर से दायर हुई है।
अपील में निगमायुक्त, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल और अन्य को पक्षकार बनाया गया है। गौरतलब है कि 13 सितंबर को पंद्रहवें जिला न्यायाधीश नरसिंह बघेल ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि नगर निगम इंदौर कर्बला मैदान की खसरा नंबर 1041 की 6.70 एकड़ जमीन का स्वामी है। उक्त अपील इसी फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गई है।