नवगठित एनडीए सरकार में बीते रविवार को शपथ लेने के बाद मोदी कैबिनेट अपने 100 दिन के एजेंडे में सबसे पहले 2 करोड़ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास को मंजूरी दे सकती है। समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एकीकृत कार्य योजना (आईएपी) के तहत प्रत्येक लाभार्थी को मैदानी इलाकों में 1.2 लाख रुपये और पहाड़ी राज्यों, कठिन क्षेत्रों और आदिवासी और पिछड़े जिलों में 1.30 लाख रुपये तक की धनराशि मिलती है।
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यह भी पता चला है कि केंद्र प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के तहत लाभार्थी को दी जाने वाली सहायता में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि भी कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के तहत घरों के निर्माण की लागत को मैदानी इलाकों में मौजूदा 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.8 लाख रुपये और पहाड़ी इलाकों में 1.30 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक बढ़ा सकता है। ये अतिरिक्त 2 करोड़ घर 2016 में इसकी शुरुआत के बाद से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के तहत स्वीकृत 2.95 करोड़ घरों से अधिक होंगे। इन 2.95 करोड़ में से 2.61 करोड़ घर अब तक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के तहत बनाए गए हैं।
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केंद्र और राज्य मैदानी क्षेत्रों के मामले में 60:40 के अनुपात में और उत्तर पूर्वी राज्यों दो हिमालयी राज्यों, 1 केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 90:10 के अनुपात में खर्च साझा करते हैं। जम्मू और कश्मीर के साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख सहित अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में केंद्र 100 प्रतिशत लागत वहन करता है। साल 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि अगले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के तहत 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे।
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अपने बजट भाषण 2024-25 में सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 के कारण चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास का कार्यान्वयन जारी रहा और सरकार 3 करोड़ घरों के लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब थी। अंतरिम केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए उन्होंने घोषणा करते हुए कहा था, “गरीब परिवारों की संख्या में होने वाली वृद्धि को देखते हुए उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे।” कुल मिलाकर, निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के लिए 54,500.14 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले वित्त वर्ष के बजटीय आवंटन 54,487.00 करोड़ रुपये के लगभग बराबर है।
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