आम लोगों के लिए बूरी खबर : यूपीआई से पैसा भेजने पर अब शुल्क लेगी सरकार, अभी यह पूरी तरह निशुल्क है

2 हजार रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर GST?, जाने इसके पीछे की सच्चाई

 यूपीआई से पैसा भेजने पर अब शुल्क लेगी सरकार : सरकार यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। फिलहाल इन से ट्रांजैक्शन निशुल्क है, लेकिन बैंक चाहते हैं कि बड़े कारोबारियों से शुल्क वसूला जाएगा। इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। हालांकि, छोटे व्यापारियों के लिए यूपीआई पहले की तरह निशुल्क रहेगा। आम लोग भी इससे प्रभावित नहीं होंगे।

 

इसे भी पढ़े :-एलआईसी की 60 माह की 1 हजार प्रति माह वाली पॉलिसी, अच्छा रिटर्न और फायदा भी ज्यादा

 

बताया जा रहा है कि बैंकिंग उद्योग की तरफ से सरकार को जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें सालाना 40 लाख रुपये से ज्यादा की बिक्री करने वाले कारोबारियों से मर्चेंट शुल्क वसूलने की मांग की गई है। बैंकों और पेमेंट कंपनियों का तर्क है कि जब बड़े व्यापारी वीजा, मास्टरकार्ड और क्रेडिट कार्ड पर पहले से मर्चेंट शुल्क दे रहे हैं तो फिर यूपीआई और रुपे कार्ड पर भी वसूला जाए।

बैंकों के अनुसार 2022 के बजट में ज‍िस समय सरकार ने एमडीआर को खत्म किया था, उस समय इस कदम का मकसद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना था, लेकिन अब यूपीआई सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला पेमेंट टूल बन चुका है, इसलिए सरकार इस सुविधा का खर्च उठाने के बजाय बड़े व्यापारियों से शुल्क वसूल सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है।

 

इसे भी पढ़े :-भाई की सारी प्रॉपर्टी पर दावा ठोक सकती है बहन, जाने उन परिस्थिति के बारे में

 

किन लोगों पर लगेगा चार्ज

इस प्रस्ताव के अनुसार, सरकार टियर व्यवस्था लागू कर सकती है। यानी बड़े व्यापार‍ियों पर ज्यादा शुल्क लगेगा और छोटे व्यापारी कम या बिल्कुल भी शुल्क नहीं देंगे, लेकिन बड़े व्यापारी जो हर महीने लाखों-करोड़ों का डिजिटल पेमेंट करते हैं, उन्‍हें शुल्क देना होगा।

क्या है एमडीआर

एमडीआर यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट वह चार्ज होता है, जो दुकानदार अपने बैंक को डिजिटल पेमेंट की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए देते हैं। जब ग्राहक यूपीआई या डेबिट कार्ड से पेमेंट करता है तो बैंक और पेमेंट कंपनियों को आईटी सिस्टम का खर्च उठाना पड़ता है। इसकी भरपाई के लिए मर्चेंट शुल्क का प्रस्ताव है। फिलहाल सरकार ने यह शुल्क माफ किया हुआ है।

आम लोगों से भरपाई संभव

जानकारों का कहना कि अगर बड़े कारोबारियों पर मर्चेंट शुल्क लगता है तो वो इसकी भरपाई ग्राहकों से कर सकते हैं। वर्तमान में भी बड़े व्यापारी क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर एक फीसदी तक एमडीआर देते हैं। इस मामले में अधिकांश कारोबारी इसका भार ग्राहक पर डाल देते हैं और ग्राहक द्वारा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर उनसे 1.5 से 2 फीसदी तक ट्रांजेक्शन शुल्क वसूल लेते हैं। यूपीआई से बड़े पेमेंट करने पर ग्राहकों से शुल्क वसूला जा सकता है।

 

सरकारी नौकरी : उप अभियंता के 118 पदों पर निकाली भर्ती, अंतिम तिथि 1 अप्रैल

Join WhatsApp

Join Now