खंडवा
गुरु पूर्णिमा पर्व पर ओंकारेश्वर दर्शन के लिए जलगांव (महाराष्ट्र) से आए तीर्थयात्री परिवार के लिए यह दिन पीड़ा भरा बन गया। दर्शन के बाद नर्मदा घाट पर स्नान करते समय 15 वर्षीय बालिका निकिता पुत्री रतिलाल का पैर फिसला और वह गहरे पानी में डूब गई। परिवार के लोगों ने स्थानीय लोगों की मदद से निकिता को बाहर निकाला और तुरंत ओंकारेश्वर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां वेंटिलेटर व अन्य जरूरी मेडिकल सुविधाओं का अभाव होने के कारण रवि वर्मा ने उसे निजी अस्पताल सनावद रेफर किया।चिकित्सकों के अनुसार, डूबने के दौरान निकिता के फेफड़ों में अत्यधिक पानी भर गया था, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। उसे वेंटिलेटर की आवश्यकता थी, इसलिए तत्काल उसे एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।
घाट पर नहीं था सुरक्षा बल, नहीं दिखे होमगार्ड
गौरतलब है कि गुरु पूर्णिमा जैसे बड़े पर्व पर भी घाट पर कोई होमगार्ड या सुरक्षा बल तैनात नहीं था।हादसे के समय निकिता को बचाने में स्थानीय लोगों ने अहम भूमिका निभाई।यदि मौके पर सुरक्षा कर्मी होते तो संभवतः हादसे से बचा जा सकता था।
हर वर्ष होते हैं ऐसे हादसे
ओंकारेश्वर में नर्मदा स्नान के दौरान डूबने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के बावजूद प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं किए जाते, जिससे हर वर्ष कई दर्दनाक हादसे सामने आते हैं।