बलरामपुर जिला में दो दिन से लापता शहर के होटल व्यवसायी धर्मेंद्र केसरी (40) का अधजला शव मिला है। घटनास्थल की परिस्थितियों को देख हत्या के बाद शव को जलाने की आशंका जताई जा रही है। डाग स्क्वायड और एफएसएल टीम के साथ पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण कर बारीकी से जांच के निर्देश दिए है।
जानकारी के अनुसार होटल व्यवसायी धर्मेंद्र केसरी बलरामपुर के वार्ड क्रमांक सात में रहते थे। मोटरसाइकिल से बीते पांच फरवरी की शाम को घर से निकले थे। देर रात तक घर वापस नहीं लौटे। तत्काल खोजबीन शुरू कर दी गई थी। दूसरे दिन भी शाम तक घर नहीं आने के बाद बलरामपुर कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई गईं। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला पंजीकृत किया था। स्वजन एवं पुलिस खोजबीन कर ही रहे थे।इस बीच मंगलवार की रात सूचना मिली कि अधजले हालत में सिंदूर नदी के समीप किसी का शव है। जब मौके पर पुलिस एवं अन्य लोग गए तो उसके धर्मेंद्र केसरी के होने की पुष्टि हुई। घटनास्थल के समीप ही उसकी मोटरसाइकिल भी खड़ी थी।घटना की सूचना पर बुधवार सुबह पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। डाग स्क्वायड एवं एफएसएल की टीम को ही बुलाया गया। पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह ने कहा कि ने कहा कि विभिन्न पहलुओं पर बहुत ही सूक्ष्मता से से जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का पता चल सकेगा।
जिस प्रकार से अधजले स्थिति में धर्मेंद्र केसरी का शव सिंदूर नदी के समीप सोनहरा जंगल में मिला उसे हत्या से इनकार नहीं किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि लोग जंगल में छिप-छिप कर ताश खेलते हैं। कई लोग जुआ एवं नशा के बुरी तरह गिरफ्त में आ गए है। जंगल में जगह-जगह फेके गए शराब के बोतल शराबखोरी की गवाही दे रहे हैं। मामले को लेकर उलझन है। प्रथम दृष्टया हत्या की बात कही जा रही है। घटना दिवस की शाम को होटल व्यवसायी धर्मेंद्र अपने दुकान में सब्जी पहुंचाकर निकला था। जिसके बाद दुकान में ग्राहक आने के बाद उसके 10 वर्षीय पुत्र के द्वारा फोन भी किया गया कि पापा जल्दी आइए दुकान में ग्राहक है इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। उसी दिन सात बजे के करीब धर्मेंद्र के द्वारा एक पेट्रोल पंप से तेल भी भरवाया गया था। युवा व्यवसायी के मौत की खबर नगर में फैलते ही पूरे नगर में शोक की लहर दौड़ गई।