दलित किसान पर अत्याचार, देशभर में निंदा, देर रात हटाए गए कलेक्टर और SP, VIDEO

Johar36garh (Web Desk)|गुना के कैंट थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के एक किसान परिवार पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने देर रात ग्वालियर रेंज के आइजी राजाबाबू सिंह, गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक तरण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। आइजी पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अविनाश शर्मा को ग्वालियर रेंज का नया आइजी व 26 वीं वाहिनी गुना के सेनानी राजेश कुमार सिंह को नया एसपी बनाया गया है।

मंगलवार को गुना कैंट इलाके में कॉलेज की जमीन पर कब्जा हटाने के दौरान वहां खेती कर रहे किसान दंपती ने कीटनाशक पी लिया था। इसी दौरान पुलिस ने किसान के स्वजनों पर लाठीचार्ज किया था। बुधवार को मामले का वीडियो वायरल होने पर बवाल मच गया।

देर शाम मुख्यमंत्री चौहान ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ गुना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देश दे दिए। देर रात सामान्य प्रशासन विभाग ने गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और गृह विभाग ने आइजी राजाबाबू सिंह व पुलिस अधीक्षक नायक को हटा दिया।

कांग्रेस ने इस मुहिम की आलोचना करते हुए घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी एस विश्वनाथन ने कहा था कि शहर की सीमा में सरकारी मॉडल कॉलेज के लिए एक जमीन आरक्षित थी। इस जमीन पर राजकुमार अहिरवार (38) और उसकी पत्नी सावित्री (35) खेत पर काम कर रहे थे। इन्हें वहां एक अतिक्रमणकर्ता गब्बू पारदी द्वारा बटाई पर काम दिया गया था।

इधर, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि घटना के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। भोपाल से टीम गुना जाकर मामले की जांच करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

कांग्रेस की ओर से घेरने की शुरुआत पूर्व सीएम कमलनाथ ने की। उन्होंने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया और कहा कि गुंडे-अपराधी बेखौफ हो रहे हैं और प्रदेश जंगलराज की ओर लौट रहा है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गुना पुलिस व प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नाम पर दलित परिवार को कर्ज लेकर तैयार की गई फसल को जेसीबी मशीन से बबार्द करके उस दम्पत्ति को आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर कर देना अति-क्रूर व अति-शर्मनाक। इस घटना की देशव्यापी निन्दा स्वाभाविक। सरकार सख्त कार्रवाई करे। एक तरफ भाजपा व इनकी सरकार दलितों को बसाने का ढिंढोरा पीटती है जबकि दूसरी तरफ उनको उजाड़ने की घटनाएं उसी तरह से आम हैं। जिस प्रकार से पहले कांग्रेस पार्टी के शासन में हुआ करती थी, तो फिर दोनों सरकारों में क्या अन्तर है? खासकर दलितों को इस बारे में भी जरूर सोचना चाहिए।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कथित वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस लाठी से एक आदमी को कथित तौर पर पीट रही है और उसकी पत्नी और अन्य लोग उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें महिला भी अपने पति के ऊपर लेट जाती है और महिला पुलिसकर्मी उसे मौके से हटाते हुए नजर आ रही हैं। पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट में कहा, ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगल राज है? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज।

उन्होंने कहा, यदि पीड़ित युवक का ज़मीन सम्बंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे क़ानूनी ढंग से हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिये कि वो एक दलित परिवार से है, ग़रीब किसान है? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों और रसूख़दारों द्वारा क़ब्ज़ा की गई हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिए भी शिवराज सरकार दिखाएगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।

https://twitter.com/HansrajMeena/status/1283427720316084224?s=20

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