दिल की सेहत का अलर्ट: हर 6 महीने में करवाएं ये 2 टेस्ट, समय रहते जानें हार्ट डिजीज का रिस्क

युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामले इस ओर ध्यान खींचते हैं कि हमें अपनी हार्ट हेल्थ का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। खराब लाइफस्टाइल, डाइट, एक्सरसाइज की कमी और स्ट्रेस जैसी कई वजहों से हमारे दिल पर काफी दबाव पड़ता है, जो एक दिन अचानक दिल की बीमारी बनकर हमारे सामने आ खड़ा होता है।

क्योंकि, दिल की बीमारियों का वक्त पर पता लगाना जरूरी है। इसलिए हेल्थ चेकअप (Tests for Heart Disease) पर ध्यान देना जरूरी है। दो बेहद सिंपल टेस्ट, जिन्हें हर 6 महीने पर करवाना आपकी हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानें कौन-से हैं ये दो टेस्ट।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
सबसे पहला है- लिपिड प्रोफाइल टेस्ट। यह एक ब्लड टेस्ट है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल की जांच करता है। यह टेस्ट मुख्य रूप से चार चीजों को मापता है-

    टोटल कोलेस्ट्रॉल- खून में कोलेस्ट्रॉल की कुल मात्रा।
    एचडीएल कोलेस्ट्रॉल- इसे "गुड कोलेस्ट्रॉल" कहा जाता है, जो दिल की बीमारियों के रिस्क को कम करता है।
    एलडीएल कोलेस्ट्रॉल- इसे "बैड कोलेस्ट्रॉल" माना जाता है। यह आर्टरीज में जमकर ब्लॉकेज पैदा कर सकता है।
    ट्राइग्लिसराइड्स- एक तरह का फैट जो बढ़ने पर दिल के लिए नुकसान पहुंचाता है।

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यह टेस्ट क्यों जरूरी है?
जब खून में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ जाता है, तो यह आर्टरीज की दीवारों पर प्लाक जमने लगता है। इससे आर्टरीज संकरी और कठोर हो जाती हैं। इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। नियमित लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाने से आप अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नजर रख सकते हैं और समय रहते डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार करके खतरे को कम कर सकते हैं।

HbA1c टेस्ट
यह टेस्ट खून में ब्लड शुगर लेवल की जांच करता है। आमतौर पर डायबिटीज टेस्ट खून में ग्लूकोज के लेवल की जांच करता है। इसे फास्टिंग ब्लड शुगर या HbA1c टेस्ट के जरिए किया जा सकता है। लेकिन HbA1c टेस्ट पिछले 2-3 महीनों में एवरेज ब्लड शुगर लेवल बताता है, इसलिए यह ज्यादा बेहतर माना जाता है।

यह टेस्ट दिल की सेहत से कैसे जुड़ा है?

डायबिटीज और दिल की बीमारियां आपस में जुड़े हुए हैं। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर लेवल रहने से ब्लड वेसल्स और नर्वस को नुकसान पहुंचता है। इससे आर्टरीज सख्त और संकरी हो सकती हैं, जिससे दिल तक खून सही मात्रा में पहुंचाने में दिक्कत होती है। डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना या उससे भी ज्यादा होता है। इसलिए, ब्लड शुगर लेवल की जांच जरूरी है।

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