हांगकांग । हांगकांग में मंगलवार को लोकतंत्र समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। प्रदर्शनाकारियों को काबू करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। प्रदर्शनकारियों को इस खास दिन का इंतजार था। प्रदर्शनकारी चीन में कम्युनिष्ट शासन की वर्षगांठ के मौके का इंतजार कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हांगकांग में आज भी सुरक्षा बल मुस्दैत हैं।
इस प्रदर्शन के चलते हांगकांग में कम्युनिष्ट शासन की वर्षगांठ का जश्न खुल कर नहीं मनाया गया। शहर के एक प्रदर्शनी केंद्र में ध्वजारोहण का कार्यक्रम किया गया।
प्रदर्शन के चलते यहां कई कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था। हांगकांग में आतिशबाजी का कार्यक्रम होना था लेकिन प्रदर्शनकारियों के चलते यह रोक दिया गया। हांगकांग में ज्यादतर यातायात साधन बंद रहे। ज्यादातर मॉल और मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए थे। हांगकांग गत जून से ही विरोध प्रदर्शनों की आग में झुलस रहा है।
विरोध प्रदर्शन से सहमा चीन
हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में यह प्रदर्शन कई महीनों से चल रहा है। चीनी हुकूमत को यह डर खाए जा रहा है कि कहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया का फोकस हांगकांग का प्रदर्शन न हो जाए। अगर ऐसा हुआ तो चीन की तैयारी पर पानी फिर जाएगा। चीन को आशंका है कि अगर ऐसा हुआ तो अंतरराष्ट्रीय जगत में चीन और उसकी कम्युनिस्ट पार्टी की काफी बदनामी होगी। उसकी निंदा होगी। अनायास ही इस मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण हो जाएगा।
चीन में सिसक रहे उइगर मुस्लिम
चीनी सरकार कई बार उइगर मुस्लिमों को लेकर निशाने पर रही है। उइगर मुस्लिमों पर जुर्म को लेकर वहां की कम्युनिस्ट सरकार की निंदा हाेती रही है। अमेरिका समेत तमाम मुल्क इसकी निंदा कर चुके हैं। बता दें कि चीन ने लाखों उइगर मुसलमानों को डिटेंशन कैंप में कैद करके रखा है। यहां उनकी समस्त धार्मिक आजादी पर प्रतिबंध लगा रखा है। उइगर मुसलमानों को दाढ़ी रखने और धार्मिक अनुष्ठान करने तक पर प्रतिबंध है। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज किया है।