Johar36garh (Web Desk)| रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) के तमाम संस्थानों की तरह से रेलवे भी कोरोना वायरस (Corona Virus) से बचाव के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है. 4 दिन पहले से ही रेलवे फेस मास्क, कोट, ग्लव्ज, सैनेटाइजर जैसे जरूरी सामान का निर्माण शुरू कर दिया है और अब रेलवे ने एक और बड़ी तैयारी कर ली है. रेलवे ने कोरोना को देखते हुए अपने 20 हजार कोच ऐसे तैयार किए हैं जिन्हें कभी भी अस्पताल में तब्दील किया जा सकता है. खास बात ये है कि इन कोच को कभी भी कहीं भी रेलवे भेज सकता है. इसके साथ ही रेलवे ने अपने अस्पतालों को भी पूरी तरह से तैयार कर लिया है. इस बुरे समय में लोगों की मदद के लिए रेलवे की 7 हजार मालगाड़ियां हर दिन खाने-पीने और अन्य जरूरी वस्तुएं लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं.
शुक्रवार को रेलवे के वाल्टेयर डिवीज़न में फेस मास्क, कोट, ग्लव्ज, साइड स्टूल और बेड के साथ एक मॉक ड्रिल की गई. इस मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन के अफसरों को भी शामिल किया गया. इस दौरान रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे बोर्ड की तरफ से 24 मार्च को ही अपनी सभी प्रोडक्शन यूनिट्स के जनरल मैनेज को हॉस्पिटल बेड, मेडिकल ट्राली, ड्रिप स्टैंड, स्ट्रेचर, हॉस्पिटल फुट स्टेप, बेड साइड लॉकर, वाश बेसिन, मास्क, सैनिटाइजर, वाटर टैंक वगैरह बनाने की तैयारी करने को कह दिया गया था. 25 मार्च को ही रेलवे के कई वर्कशॉप और कोचिंग डिपो ने सैंकड़ों लीटर सैनेटाइजर बनाकर इसे जरूरी जगहों पर बंटवाया था.
जरूरत के हिसाब से सरकार का आदेश मिलते ही रेलवे अपने 20 हजार कोच को आइसोलेशन सेंटर बनाने को तैयार है. उसके सभी प्रोडक्शन यूनिट्स को जरूरत के हिसाब से इंटीरियर बदलकर कोच बनाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. जिससे कि कोच को हॉस्पिटल और मरीजों को फौरन भर्ती कर इलाज के लिए देशभर में कहीं भी इस्तेमाल में लाया जा सके. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल रेलवे कोच बनाने वाली तीनों फैक्ट्री मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई और रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला में रोज़ाना करीब 300 कोच बनाए जा सकते हैं. जरूरत के हिसाब से इसे बढ़ाया भी जा सकता है.
लोगों के बीच सोशल डिस्टनसिंग का मकसद पूरा हो सके इसके लिए रेलवे ने कई जगह अपनी जमीन पर सब्ज़ी, फल वगैरह के बाजार लगाने की भी अनुमति दे दी है, जिससे की भीड़ को कम किया जा सके. इसके अलावा रेलवे की करीब 7000 मालगाड़ियां दिन रात गेहूं, चावल, आटा, आलू, दाल, नमक, चीनी, सब्ज़ी, खाद्य तेल, दूध,फल, कोयला और बहुत सारी ज़रूरी चीजों की ढुलाई के लिए दिन रात पटरी पर दौड़ रही हैं.(एजेन्सी)