EMI देने में दिक्कत हो तो लोन की अवधि बढ़ाएं बैंक, जाने क्या कहता है RBI के नियम

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 को कहा कि बैंकों के लिए मासिक किस्त पर आधारित सभी व्यक्तिगत ऋण श्रेणियों में निश्चित ब्याज दर वाले प्रोडक्ट पेश करना अनिवार्य है। आरबीआई ने कहा कि अगर मासिक किस्त के जरिए लोन को चुकाने वाले कर्जदारों को अगर EMI देने में दिक्कत हो बैंक लोन की अवधि बढ़ाएं।
ईएमआई आधारित व्यक्तिगत ऋणों पर फ्लोटिंग ब्याज दर को रीसेट करना। (अगस्त 2023) पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में यह भी कहा गया है कि सर्कुलर सभी ईएमआई व्यक्तिगत ऋणों को कवर करता है, भले ही ब्याज दर किसी बाहरी बेंचमार्क या आंतरिक बेंचमार्क से जुड़ी हो।

RBI ने क्या कहा?

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, लोन की मंजूरी के समय वार्षिक ब्याज दर/वार्षिक प्रतिशत दर (APR), जैसा भी लागू हो, की फैक्ट डिटेल और लोन समझौते में प्रकट किया जाना चाहिए, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में कहा गया है कि बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं को उधारकर्ता के साथ कब और कितनी बार संवाद करना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि लोन की अवधि के दौरान बाहरी बेंचमार्क दर के वजह से ईएमआई/अवधि में किसी भी वृद्धि को सूचित किया जाना चाहिए।
इसके अलावा तिमाही विवरण में उस समय तक वसूले गए मूलधन और ब्याज, ईएमआई अमाउंट, बाकी मासिक किस्तों की संख्या और ऋण की अवधि के लिए वार्षिक ब्याज दर का खुलासा किया जाना चाहिए।
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न में कहा गया है कि रेगुलेटेड एंटीटीज (RE) को सभी समान किस्त आधारित व्यक्तिगत ऋण श्रेणियों में अनिवार्य रूप से निश्चित ब्याज दर उत्पाद की पेशकश करनी होगी।
RE को ब्याज दरों के पुनर्निर्धारण के समय अपने बोर्ड द्वारा अप्रूव्ड नीति के अनुसार उधारकर्ताओं को एक निश्चित दर पर स्विच करने का विकल्प प्रदान करना होगा।
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त 2023 में बैंकों को निर्देश दिया कि वे मासिक किस्त के जरिए लोन को चुकाने वाले कर्जदारों को एक निश्चित ब्याज दर प्रणाली के विस्तार का विकल्प चुनने की अनुमति दें। यह कदम केंद्रीय बैंक ने बढ़ती ब्याज दरों के बीच कर्जदारों को ऋण जाल में फंसने से बचाने के उद्देश्य से उठाया था।

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