किसी जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण, जाने उसे कैसे रोका जा सकता है

किसी जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण, जाने उसे कैसे रोका जा सकता है

किसी जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण, जाने उसे कैसे रोका जा सकता है : किसी भी संपत्ति या प्रॉपर्टी पर निर्माण/कंस्ट्रक्शन शुरू करने से पहले सरकार से स्वीकृति/परमिशन लेनी होती है, जिसमें जिस जमीन पर निर्माण हो रहा है उसकी मंजूरी, ज़ोनिंग की मंजूरी, बिल्डिंग बनाने की मंजूरी आदि शामिल हैं। इसके अलावा आपको सबूत देना होगा कि जिस जमीन पर आप निर्माण करने की परमिशन मांग रहे है वह आपकी है।

एक ऐसा स्ट्रक्चर जो सरकार द्वारा बनाये गए सभी जरूरी परमिट और स्टैंडर्ड्स का पालन नहीं करता, वह एक लीगल स्ट्रक्चर नही है। और उसे बनाने की परमिशन नहीं दी जाती है। साथ ही, जब एक बिल्डिंग का परमिट के बिना निर्माण किया जाता है तो उसे एक अनधिकृत निर्माण/अनऑथोरिज़्ड कंस्ट्रक्शन कहा जाता है। वे संभावित रूप से सरकार द्वारा तोड़कर नष्ट किए जा सकते हैं।

 

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प्राइवेट जमीन पर अवैध निर्माण:

निम्नलिखित सिचुएशन में एक निर्माण को इललीगल माना जाता है –

  1. जब जमीन के मालिक द्वारा ही उस पर बिल्डिंग का निर्माण किया जाता है, जो कानूनी रूप से ऐसा करने का हकदार है, लेकिन किसी भी कानूनी जरूरतों का उल्लंघन करता है, यह गैरकानूनी हो सकता है। उदाहरण के लिए, बिल्डिंग का निर्माण करने वाले व्यक्ति को सरकार से जरूरी स्टैंडर्ड्स का परमिशन नहीं मिला है।
  2. निर्माण करने वाला व्यक्ति बनाये गए स्टैंडर्ड्स की अवहेलना करता है।
  3. स्ट्रक्चर बनाने वाला व्यक्ति उस प्रकार की बिल्डिंग के लिए सरकार द्वारा स्थापित नियमों का पालन नहीं करता है।

 

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पब्लिक जमीन पर अवैध निर्माण:

किसी जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण, जाने उसे कैसे रोका जा सकता है : जब एक व्यक्ति ऐसी जमीन पर निर्माण करता है जो उसकी नहीं है बल्कि सरकार की है तो उसे पब्लिक प्लेस पर इललीगल कंस्ट्रक्शन करना कहते है। यह ज्यादातर उन सामजिक और आर्थिक मुद्दों की वजह से होता है जो एक देश में आम हैं, जैसे कि गरीबी, बेरोजगारी, एक बड़ी आबादी आदि।

अवैध निर्माण को रोकने के तरीके:

इन मैटर्स में, पुलिस को केवल इससे रिलेटिड ऑफिसर्स को रिपोर्ट करने और ऑथोरिटीज़ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की ही अनुमति है। पुलिस इस तरह के निर्देश मिलने के बाद ही इललीगल निर्माण को रोक सकती है।

 

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कोर्ट केस:

किसी जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण, जाने उसे कैसे रोका जा सकता है : नागरिक संस्थाएँ आई हुई सभी शिकायतों पर अपना पूरा ध्यान नहीं देती हैं। यह जिम्मेदारी की कमी, दूसरों की जरूरतों के लिए चिंता की कमी, या भ्रष्टाचार की वजह से हो सकता है, जो इन नागरिक संस्थानों में भरी है। जितनी भी इललीगल बिल्डिंग्स को नष्ट किया गया है और दिल्ली में किया गया सीलिंग कार्यक्रम, यह दोनों ही इस बात के दो उदाहरण हैं कि नगर निगम अपने काम के प्रति कितनी लापरवाह है। ऐसी सिचुएशन में लोगों के लिए अपने एरिया की सरकार से मदद लेना अव्यावहारिक हो जाता है। भारतीय कोर्ट इस सिचुएशन में हस्तक्षेप करते हैं। हाई कोर्ट में आर्टिकल 226 के तहत पिटीशन के रूप में कानूनी शिकायत फाइल की जा सकती है।

सार्वजनिक संपत्ति या पब्लिक प्रॉपर्टी पर कब्जा करने वाले लोगों को 1971 के सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम के तहत बेदखल किया जाता है। एक व्यक्ति आर्टिकल के प्रोविजन्स के तहत एक इललीगल बिल्डिंग को सील करने, तोड़ने या उसमे रह रहे लोगों को वहां से बेदखल करने के लिए केस फाइल कर सकता है।

एक्ट के सेक्शंस 5ए, 5बी, और 5सी प्रॉपर्टी अधिकारी की इललीगल बिल्डिंग्स के निर्माण को रोकने की क्षमता से संबंधित सेक्शंस हैं। इन बिल्डिंग्स में रहने वाले अन-ऑथोरिज़्ड लोगों को निकालना इस एक्ट के सेक्शन 5 में शामिल है। यह एक्ट पीछे छोड़ी गई किसी भी वस्तु और आकस्मिक नुकसान की कीमत को भी बताता है, जिसके लिए मालिक जिम्मेदार है।

 

 

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