गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर बिलासपुर में अवैध मंदिर निर्माण, भीम आर्मी ने निर्माण रोकने कलेक्टर और कुलपति को सौंपा ज्ञापन : गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी करते हुए अवैध रूप से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। जिसे अब रोकने के लिए भीम आर्मी ने कलेक्टर बिलासपुर और कुलपति को लिखित आवेदन दिया है| उन्होंने आवेदन के साथ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी प्रस्तुत की है जिसके विरुद्ध यह निर्माण कार्य चल रहा है| उन्होंने तत्काल निर्माण कार्य को रोकने की मांग की है| निर्माण कार्य नहीं रोकने पर चरणबद्ध आन्दोलन की चेतावनी दी है|
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भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष अमृतदास डहरिया ने पत्र के माध्यम से बताया है की गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में धार्मिक स्थल / संरचना का निर्माण कार्य किया जा रहा है। हमारा भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जहाँ अलग-अलग धर्म के मतावलंबी है। भारत के संविधान की प्रस्तावना में भी भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में [Union of India Versus State of Gujrat & Ors.] के प्रकरण क्रमांक Special Leave To Appeal (Civil) No. 8519/2006 में दिनांक 29/09/2009 को आदेश पारित कर यह निर्देशन जारी किया है कि किसी भी सार्वजनिक रास्ते, सार्वजनिक पार्क अथवा किसी अन्य सार्वजनिक स्थान आदि में किसी भी प्रकार के धार्मिक संरचना का निर्माण नहीं किया जाए। यह कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय शासकीय स्थान एवं सार्वजनिक स्थल है। केंद्रीय विश्वविद्यालय शासन के अधीन होने से किसी खास जाति व धर्म की निजी संपत्ति नहीं है तथा न ही यह किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी को बिना शासकीय स्वीकृति के परिसर में निर्माण करने का कोई अधिकार प्राप्त है। भारत देश धर्मनिरपेक्ष होने के कारण केंद्र अथवा राज्य के अधीन कर्मचारियों का दायित्व है कि वह किसी एक धर्म को समर्थन या बढ़ावा नहीं दें। यदि किसी एक धर्म विशेष की प्रार्थना स्थल का निर्माण शासकीय परिसर में किया जाता है तो वह निर्माण भारत का संविधान संविधान व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध होने से अवैध अतिक्रमण है।
निवेदन है कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में अवैध अतिक्रमण से धार्मिक संरचना / स्थल के निर्माण को तुरंत रोका जाए और भारत का संविधान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए विधि अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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सर्वोच्च न्यायालय के 29 सितंबर 2009 के आदेश
सर्वोच्च न्यायालय के 29 सितंबर 2009 के आदेश का उल्लेख किया है। इस बारे में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अब से सार्वजनिक सड़कों, सार्वजनिक पार्कों या अन्य सार्वजनिक स्थानों आदि पर मंदिर, चर्च, मस्जिद या गुरुद्वारा आदि के नाम पर कोई अनधिकृत निर्माण नहीं किया जाएगा या इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।