तेलंगाना में IPS अफसरों की IAS पदों पर नियुक्ति, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

हैदराबाद

IAS यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर के पदों पर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की नियुक्ति पर तेलंगाना हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। अदालत में एक रिट याचिका दाखिल हुई थी, जिसमें कहा गया था कि इस तरह की नियुक्तियां नियमों का उल्लंघन करती हैं। उच्च न्यायालय ने इस तरह के फैसलों के पीछे कानूनी वजह बताने के लिए कहा है। मामले पर अगली सुनवाई के लिए 10 दिसंबर तारीख तय की गई है।

हैदराबाद के एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता वाडला श्रीकांत ने एक रिट याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता के वकील विजय गोपाल का कहना है कि सरकार का फैसला और खासतौर से जीओ 1342 (जारी 26 सितंबर) जारी करना और उन केंद्रीय कानूनों का उल्लंघन है, जो दो भारतीय सेवाओं की अलग-अलग भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में बताते हैं।

इस याचिका में विशेष रूप से तीन अधिकारियों का जिक्र किया गया है। ये IPS अधिकारी उन पदों को संभाल रहे हैं, जो आमतौर पर IAS कैडर के पास होते हैं। इनमें IPS स्टीफन रविंद्र हैं, जो सिविल सप्लाइज कमिश्नर और एक्स ऑफिशियो प्रधान सचिव के तौर पर काम कर रहे हैं।

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इनके अलावा IPS शिखा गोयल, जो विजिलेंस एंड एनफोर्समेंट में महानिदेशक हैं। साथ ही हैदराबाद के पूर्व आयुक्त सीवी आनंद का नाम है, जो गृह विभाग का विशेष मुख्य सचिव बनाया गया है। एडवोकेट गोपाल का कहना है कि इस तरह की क्रॉस कैडर नियुक्तियां IAS (Fixation of Cadre Strength) Regulations, 2016 जैसे नियमों का उल्लंघन करती हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IPS अधिकारियों की प्रधान सचिव रैंक पर नियुक्तियों की प्रथा साल 2014 में बीआरएस सरकार के समय से चली आ रही है। सरकार की तरफ से पेश हुए वकील राहुल रेड्डी ने अदालत से अतिरिक्त समय की मांग की थी।