इस गांव में लोग अपनी बेटियों को यहां ब्याहना नहीं चाहते, हो जाए तो ज्यादा दिन तक नहीं टिकती दुल्हन, जाने क्या है कारण

JJohar36garh News|महाराष्ट्र के नासिक में दांडिची बारी गांव है, जो कि शहर से 300 किलोमीटर की दूरी पर है। सुर्गणा तालुका की आबादी 300 के करीब है। यहां के लोगों के लिए सुखद वैवाहिक जीवन महज कल्पना ही है। इस गांव में जो भी नवविवाहित महिलाएं आती हैं, यहां ज्यादा दिन तक टिकती नहीं हैं। दुल्हनें वापस अपने मायके चली जाती हैं। इसकी सबसे बड़ी गांव में पानी की समस्या है।

गांव के निवासी गोविंद बताते हैं कि एक शादी तो महज दो दिन ही चली। यह वाकया 2014 का है। नई-नवेली दुल्हन दो दिन में ही पानी के समस्या से तंग आ गई और अपने मायके चली गई। उसने ऐसा अन्य विवाहित महिला को देखकर किया। वह कहते हैं कि यह समस्या बढ़ती जा रही है लेकिन इसके लिए महिलाओं को दोष भी नहीं दिया जा सकता। 

पानी के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर जाना होगा
मार्च से जून के दौरान यहां के लोगों को पानी के लिए डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यह रास्ता पहाड़ियों के बीच से होकर जाता है। यहां उन्हें पानी के लिए अपनी बारी आने तक घंटों इंतजार करना होता है। इसके बाद महिलाएं अपने बर्तनों में पानी भरती हैं और घर के लिए वापस लौटती हैं। यह वापसी भी पथरीले रास्ते से होती है, जहां उन्हें दो-दो बर्तन एकसाथ ढोने होते हैं।

सुबह 4 बजे ही पानी लेने निकल जाती हैं महिलाएं
दिन भर का इंतजाम करने की खातिर दो बार पानी भरने जाना पड़ता है। महिलाएं तड़के सुबह 4 बजे ही इसके लिए निकल जाती हैं। दरअसल, गर्मी में यहां का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है। ऐसे में महिलाएं कड़ी धूप होने से पहले ही पानी लेकर लौट जाना चाहती हैं। दोबारा शाम को यही सिलसिला शुरू होता है। इनकी कोशिश होती है कि अंधेरा होने से पहले घर पहुंच जाएं। 

लोग अपनी बेटियों को यहां ब्याहना नहीं चाहते
इस हालात को देखते हुए लोग अपनी बेटियों को इस गांव में ब्याहना नहीं चाहते हैं। अगर शादी हो भी जाए तो दुल्हनें यहां ज्यादा दिन तक रुकती नहीं हैं। गांव में जो महिलाएं हैं, वो बताती हैं कि उनका जीवन तो पानी के इर्द-गिर्द ही सिमट कर रह गया है। इनकी गुजारिश है कि सरकार पानी की समस्या पर ध्यान दे। पानी की समस्या का समाधान हो जाए तो जीवन कुछ सरल हो जाएगा। 

Join WhatsApp

Join Now