Saturday, November 23, 2024
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भारतीय संविधान, आर्टिकल – 15

भारतीय संविधान अनुच्छेद 15 (Article 15 ) – धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध

विवरण

(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर–
(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश, या
(ख) पूर्णतः या भागतः राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग, के संबंध में किसी भी निर्योषयता, दायित्व, निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
[(4) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।]

(5) इस अनुच्छेद में कुछ भी नहीं है या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उप-खंड (जी) में किसी भी सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के नागरिकों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जाति के लिए राज्य को कोई विशेष प्रावधान बनाने से नहीं रोका जाएगा। या अब तक अनुसूचित जनजातियों के ऐसे विशेष प्रावधान निजी शिक्षण संस्थानों सहित शैक्षिक संस्थानों में उनके प्रवेश से संबंधित हैं, चाहे राज्य द्वारा सहायता प्राप्त हो या अनधिकृत, अन्य अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के अलावा अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान के अतिरिक्त अन्य शैक्षणिक सस्थानों में, जिसमें गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थान शामिल है, चाहे सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हो या असहायता प्राप्त हो, उनके प्रवेश में सम्बंधित है|

 

https://johar36garh.com/other/indian-constitution/indian-constitution-article-14/

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