भारतीय संविधान अनुच्छेद 168 (Article 168)
राज्यों के विधान-मंडलों का गठन
विवरण
(1) प्रत्येक राज्य के लिए एक विधान-मंडल होगा जो राज्यपाल और —
(क) बिहार, , , : [महाराष्ट्र], [कर्नाटक] [और उत्तर प्रदेश] राज्यों में दो सदनों से;
(ख) अन्य राज्यों में एक सदन से,
मिलकर बनेगा।
(2) किसी राज्य के विधान-मंडल के दो सदन हैं वहां एक का नाम विधान परिषद और दूसरे का नाम विधानसभा होगा और केवल एक सदन है वहां उसका नाम विधानसभा होगा।
—————————-
” आंध्र प्रदेश” शब्दों का आंध्र प्रदेश विधान परिषद (उत्सादन) अधिनियम, 1985 (1985 का 34) की धारा 4 द्वारा (1-6-1985 से) लोप किया गया।
मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 20 द्वारा (1-5-1960 से) ” मुंबई” शब्द का लोप किया गया।
इस उपखंड में ” मध्य प्रदेश” शब्दों के अंतःस्थापन के लिए संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 8(2) के अधीन कोई तारीख नियत नहीं की गई है।
तमिलनाडु विधान परिषद (उत्सादन) अधिनियम, 1986 (1986 का 40) की धारा 4 द्वारा (1-11-1986 से) ” तमिलनाडु” शब्द का लोप किया गया।
मुबंई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 20 द्वारा (1-5-1960 से ) अंतःस्थापित।
मैसूर राज्य (नाम-परिवर्तन) अधिनियम, 1973 (1973 का 31) की धारा 4 द्वारा (1-11-1973 से) ” मैसूर” के स्थान पर प्रतिस्थापित जिसे संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 8(1) द्वारा अंतःस्थापित किया गया था।
पंजाब विधान परिषद (उत्सादन) अधिनियम, 1969 (1969 का 46) की धारा 4 द्वारा (7-1-1970 से) ” पंजाब” शब्द का लोप किया गया।
पश्चिमी बंगाल विधान परिषद (उत्सादन) अधिनियम, 1969 (1969 का 20) की धारा 4 द्वारा (1-8-1969 से) ” उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल” के स्थान पर प्रतिस्थापित।
https://johar36garh.com/indian-constitution/indian-constitution-article-167/