ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा है कि उनका देश 2015 के परमाणु समझौते के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को अब नहीं मानेगा। उन्होंने संवर्धन में तेजी लाने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए सेंट्रीफ्यूज का इस्तेमाल किया जाएगा। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ये फैसला शुक्रवार से प्रभावी होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक रूहानी ने कहा है, “मैं अब तीसरे कदम की घोषणा कर रहा हूं। परमाणु ऊर्जा संगठन (ईरान के) को आदेश दिया जाता है कि अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में जो कुछ भी आवश्यक है उसे तुरंत शुरू करें और अनुसंधान और विकास के संबंध में सभी प्रतिबद्धताओं को छोड़ दें।”
ये बात रूहानी ने बुधवार को सरकारी टेलीविजन पर अमेरिका की घोषणा के बाद कही। जिसमें अमेरिका ने कहा है कि वह ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के साथ संबंध रखने वाले तेल शिपिंग नेटवर्क के खिलाफ प्रतिबंध लगा रहा है।
इससे पहले ईरान ने दो बार परमाणु प्रतिबद्धताओं को नकार दिया था। जिसमें समृद्ध यूरेनियम के भंडार को 300 किग्रा से कम रखना और यूरेनियम के शेयरों की शुद्धता पर 3.67 फीसदी की कैप शामिल है।
हालांकि रूहानी ने यह कदम उठाने की धमकी पहले ही दे दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर यूरोप शुक्रवार तक कोई समाधान नहीं दे पाया तो यह कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि ईरान का तीसरा कदम असाधारण रूप से महत्वपूर्ण होगा। हालांकि उन्होंने तब ये नहीं बताया था कि वो तीसरा कदम क्या होगा।
रूहानी ने सुझाव दिया है कि यूरोपीय शक्तियों के पास ऐतिहासिक परमाणु समझौते को बचाने हेतु वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए दो महीने का समय है। उन्होंने कहा, “उन्हें पता है कि हम क्या चाहते हैं और हमें पता है कि वो क्या चाहते हैं।”