कैलाश कुशवाह ने माला पहनाई फिर छुए पैर… सिंधिया के सम्मान में झुके कांग्रेस MLA , क्या BJP में होंगे शामिल?

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 शिवपुरी

 शिवपुरी जिले के एकमात्र कांग्रेस (Congress) विधायक कैलाश कुशवाहा (Kailash Kushwaha) का भाजपा (BJP) और सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) प्रेम साफ तौर पर रविवार को उमड़ पड़ा. इस प्रेम की दास्तान न केवल एक वीडियो ने जग जाहिर कर दी है, बल्कि कांग्रेस को झटका देने की खबर ने भी तूल पकड़ लिया है. माना जा रहा है कि शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा से कांग्रेस के विधायक जल्द ही भाजपा में एंट्री हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो ये कांग्रेस के लिए जोर का झटका धीरे से लगने वाली बात होगी.

विधायक ने पार्टी छोड़ने से किया इनकार

हालांकि, कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा ने पैर छूने की बात पूछे जाने पर साफ तौर पर कहा है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया न केवल हमारे क्षेत्र के सांसद हैं, बल्कि महाराज भी हैं. इस नाते उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया है. वह कांग्रेस में हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे, लेकिन उनके इस बयान के बाद भी राजनीतिक गलियारों में उनके कांग्रेस में बने रहने पर अटकलबाजी तेज हो गई है. लोग कह रहे हैं कि वह कांग्रेस में कितने दिन रहेंगे, ये कोई नहीं जानता है.

इस वजह से पार्टी छोड़ने की अटकलें हुई तेज

दरअसल, गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र में जन विकास के कार्यों की समीक्षा और तिरंगा यात्रा में शामिल होने शिवपुरी पहुंचे थे. इस दौरान कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा को भी बुलाया गया और उन्होंने भी वहां जाकर न केवल सिंधिया से सप्रेम भेंट की, बल्कि उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया.  इतना ही नहीं खुद केंद्रीय मंत्री और गुना शिवपुरी सांसद सिंधिया ने भी कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा को खूब तवज्जो दी और अपने बाकी विधायकों के साथ हर कार्यक्रम में शामिल रखा. यही वजह है कि उनका भाजपा और सिंधिया प्रेम साफ तौर पर झलकता हुआ दिखाई दिया. जिसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गई है.

घर के बाहर से कांग्रेस का नाम भी हटाया

अब देखना यह है कि ये होगा शिवपुरी से कांग्रेस के एकमात्र विधायक उसके साथ बने रहते हैं. या पार्टी से पल्ला झाड़ कर भाजपा में शामिल हो जाते हैं. हालांकि, अटकलें भाजपा में जाने की तेज हो रही है. इस बीच उनके घर पर लगी नेम प्लेट से भी कांग्रेस गायब हो चुकी है. ऐसे में भाजपा के मन में लड्डू फूटने लगे हैं और कांग्रेस के राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है.