भोपाल. कमलनाथ सरकार(kamalnath government) कामचोर कर्मचारी-अधिकारियों के ख़िलाफ सख्ती के मूड में है. वो मोदी सरकार (modi government)की लीक पर चल रही है.सरकार ने ऐसे कर्मचारियों-अधिकारियों के नाम हर विभाग से मांगे हैं जो अक्षम हैं. उनके खिलाफ वो कार्रवाई करेगी. सरकार की नज़र 20 साल की नौकरी और 50 साल की उम्र पूरी कर चुके अफसरों पर है. लेकिन सरकारी विभाग हैं कि इस मसले पर भी सरकार का साथ देने में कामचोरी कर रहे हैं. अभी तक सूची नहीं भेजी गयी है.
20-50 का फॉर्मूला- मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने असक्षम अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए 20-50 फॉर्मूला लागू किया है.इसके लिए उसने जुलाई में सभी विभागों से ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम मंगाए गए थे जो कामचोर या अयोग्य हैं.जुलाई के महीने में सभी विभागों से एक महीने के भीतर सूची मांगी गई थी.लेकिन विमानन विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस लेटलतीफी से सरकार नाराज़ है. सरकार ने 6 जुलाई को आदेश जारी किया था जिसे एक महीने में पूरा करना था. लेकिन विभागों ने इस आदेश को नज़रअंदाज़ कर दिया. ढाई महीने बाद भी लिस्ट नहीं भेजी गयी है.
क्या है प्लान
दरअसल सरकार ऐसे कर्मचारी-अधिकारियों को काम नहीं करते या कामचोर हैं उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्लान कर रही है. लेकिन विभागों ने सूची ना भेजकर कामचोर कर्मचारियों को बचा लिया. विमानन विभाग को छोड़कर किसी ने भी नाम नहीं सौंपे हैं.
क्या है 20-50 का फॉर्मूला
20 से 50 साल की नौकरी पूरी करने वाले अफसर
नौकरी के लिए परखी जाएगी अधिकारियों की क्षमता
कार्यक्षमता का आंकलन करने के बाद होगा फैसला
अधिकारी नौकरी करने लिए सक्षम हैं या नहीं
सक्षम नहीं होने पर दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति
मोदी सरकार का फॉर्मूला
मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में लागू किया था फ़ॉर्मूला
एक दर्जन अफसरों को किया गया था बर्खास्त
प्रदेश में पिछली भाजपा सरकार में हुआ था फॉर्मूला लागू
आईएएस एम के सिंह को इसी फॉर्मूले पर किया गया था बर्खास्त
आईएफएस अफसरों में देवेश कोहली,वी एस होतगी का भेजा था प्रस्ताव
कोहली की हो चुकी है मौत,होतगी का अटका है प्रकरण