करवा चौथ 2025: आपके शहर में किस समय निकलेगा चांद? यहां देखें पूरी लिस्ट

भोपाल 

 वो शुभ घड़ी अब आ गई है, जब देशभर में सुहागने चांद को देखकर पति की लंबी उम्र की दुआएं करेंगी. इस साल करवा चौथ का व्रत आज रखा जा रहा है. यह व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को रखा जाता है. करवा चौथ पर सुहागनें पूरे दिन भूखी-प्यासी रहकर अपने पति की दीर्घायु के उपवास रखती हैं और रात को चंद्र दर्शन के बाद ही कुछ ग्रहण करती हैं. इसलिए इस दिन सुहागनों को बड़ी बेसब्री से चांद के निकलने का इंतजार रहता है. आइए जानते हैं कि इस साल आपके शहर में करवा चौथ का चांद कितने बजे दिखाई देगा.

करवा चौथ कि तिथि 
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट से लेकर 10 अक्टूबर  को शाम 07 बजकर 38 मिनट तक रहने वाली है. उदिया तिथि के चलते करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा.

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कितने बजे दिखेगा करवा चौथ का चांद? 
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ पर चांद निकलने का समय रात 8 बजकर 14 मिनट बताया जा रहा है. हालांकि भारत के विभिन्न शहरों में इसका समय थोड़ा अलग भी हो सकता है.

आपके शहर में कितने बजे दिखेगा चांद? 

शहरचंद्रोदय का समय
दिल्लीरात 8 बजकर 13 मिनट
गुरुग्रामरात 8 बजकर 13 मिनट
गाजियाबादरात 8 बजकर 13 मिनट
नोएडारात 8 बजकर 13 मिनट
मुंबईरात 8 बजकर 55 मिनट
कोलकाताशाम 7 बजकर 45 मिनट
चेन्नईशाम 7 बजकर 30 मिनट
चंडीगढ़ रात 8 बजकर 8 मिनट
लुधियानारात 8 बजकर 11 मिनट
देहरादूनरात 8 बजकर 4 मिनट
शिमलाशाम 7 बजकर 48 मिनट
पटनाशाम 7 बजकर 48 मिनट
लखनऊरात 8 बजकर 42 मिनट
इंदौररात 8 बजकर 33 मिनट
भोपालरात 8 बजकर 26 मिनट
अहमदाबादरात 8 बजकर 47 मिनट
जयपुररात 8 बजकर 22 मिनट
रायपुरशाम 7 बजकर 43 मिनट

करवा चौथ पर कैसे खोलें व्रत? (Karwa Chauth 2025 Vrat)
करवा चौथ पर सुबह सूरज निकलने से पहले सरगी खा लें. स्नानादि के बाद भगवान को याद करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित करें. करवा माता की भी एक तस्वीर स्थापित कर लें. उनके समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें. उन्हें चावल, रोली, जल, फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें.

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इसके बाद दोपहर के समय या अभिजीत मुहूर्त में करवा चौथ की कथा सुनें. इसके बाद शाम को शुभ मुहूर्त में करवा माता की पूजा करें. उन्हें हलवा-पूरी का भोग लगाएं. फिर पूजा के बाद छन्नी से चंद्रमा के दर्शन करें और अपने पति का चेहरा भी देखें. इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण करके उपवास खोलें.