Friday, December 6, 2024
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KBC-11: अमिताभ बच्चन के सामने खोला राज, आखिर क्यों नहीं की राकेश शर्मा ने शादी

नई दिल्ली : कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) सीजन 11 के एपिसोड में हॉट सीट पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बैठीं द्वारका निवासी राकेश शर्मा से सवालों का सिलसिला बुधवार के बाद बृहस्पतिवार को एक बार फिर शुरू हुआ। बुधवार को पांचवें प्रश्न पर दस हजार की इनामी राशि जीतने के बाद राकेश बृहस्पतिवार को हॉट सीट से 25 लाख रुपये की इनामी राशि जीतकर निकलीं। 14वें प्रश्न पूछे जाने तक उनकी सभी लाइफ लाइन खत्म हो गई थी। ऐसे में उन्होंने खेल से हटना ही बेहतर समझा।

सवाल-जवाब के सिलसिले के बीच बृहस्पतिवार को छठे प्रश्न की शुरुआत से पहले अमिताभ बच्चन ने राकेश से उनकी जिंदगी के बारे में बातें जाननी चाहीं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम कर चुकीं राकेश ने बताया कि उनकी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई और वह अपने समय में राज्य स्तर की हॉकी खिलाड़ी रह चुकी हैं। उस समय खेल में करियर की संभावना कम होने और 1976 में पिता के देहांत के बाद उन्होंने नौकरी शुरू की।

राकेश ने बताया कि उन्होंने शादी नहीं की। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1976 में उनके पिता 52 वर्ष की उम्र में चल बसे। इसके बाद हादसों का एक सिलसिला शुरू हो गया। महज छह वर्षों के भीतर आठ करीबी रिश्तेदार चल बसे। एक के बाद एक मौत की घटनाओं ने अंदर से उन्हें झकझोर दिया। एक सहेली की शादी हुई, लेकिन यह शादी बहुत सफल नहीं रही। इन तमाम बातों ने उन्हें शादी से दूर रहने को बाध्य कर दिया।

5 साल में एक भी छुट्टी नहीं ली
उन्होंने अमिताभ बच्चन को बताया कि वे राष्ट्रपति कार्यालय में अक्सर दो बजे रात तक कार्य करती थीं। कई बार रात साढ़े दस बजे घर आने के बाद भी उन्हें बुला लिया जाता था, जिसके बाद वे कार्यालय जातीं और वहां काम निपटाकर देर रात घर पहुंचती थीं। पांच वर्षों के दौरान उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली। यहां तक कि शनिवार व रविवार को भी अक्सर वे कार्यालय में होती थीं।

पूर्व राष्ट्रपति से जुड़े एक संस्मरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें अपनी किताब ट्री आफ लाइफ का अनुवाद करने को कहा। इस किताब में 49 कविताएं थीं। राकेश ने इस दायित्व के देने पर एपीजे अब्दुल कलाम से कहा कि वह कविता का अनुवाद नहीं कर सकतीं, इसपर कलाम ने कहा कि तुम्हें यह कार्य करना ही होगा, तुम कर सकती हो। इसके बाद एक वर्ष की मेहनत के बाद सभी 49 कविताओं का अनुवाद करने में वे सफल रहीं। उन्होंने कहा कि कलाम साहब के साथ कार्य करने में हर समय सकारात्मक माहौल रहा और कभी भी काम का बोझ महसूस नहीं हुआ।

सवालों के बीच में ही अमिताभ द्वारा पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ी यादों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि कलाम साहब ऐसी शख्सियत थे, जो सभी के लिए फिक्रमंद रहते थे। यदि उन्हें पता चलता कि उनके कार्यालय में कोई कर्मचारी देर रात तक काम कर रहा है तो यह जरूर पूछते कि आपने खाना खाया या नहीं। अगर उन्हें पता चलता कि खाना नहीं खाया है तो वह उसके खाने का इंतजाम करते थे। काम खत्म होने के बाद कर्मचारी जब निकलता तो उसे यह कहकर विदा करते थे कि घर पहुंचने पर फोन जरूर करना।

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