नाराज़ किसानों ने सड़क पर फेंका धान, आर्थिक तंगी बनी समस्या 

धमतरी(एजेन्सी)| किसान पूरी तरह से धान पर ही निर्भर रहते है अब धान की फसल काट ली है, किन्तु उसे बेचने के लिए ख़रीददार नहीं मिलने से बेबश और लाचार नज़र आ रहे हैं, आम जरूरतों के लिए और कोई दूसरा साधन भी वर्तमान में नहीं है छत्तीसगढ़ के धमतरी एक तरफ सरकार किसानों का धान न खुद खरीद रही है और लगातार धान परिवहन पर जब्ती की कार्रवाई भी चल रही है. जिसके कारण अब व्यापारियों ने भी किसानों का धान खरीदना बन्द कर दिया है. इसका सीधा असर किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है. बताया जा रहा है किसानों के पास अपनी छोटी बड़ी जरूरतों के लिए भी नगदी नहीं है. अमूमन किसान हर साल अपनी उपज बेच बेच कर ही पैसे हासिल करते रहे हैं. इस साल किसान बेचने खड़ा है, लेकिन खरीदने वाला कोई नहीं है.

धमतरी के किसानों का कहना है कि इस हालात में अब वे त्रस्त हो चुके हैं. धमतरी के नगरी इलाके के गांव घुरावड़ में साप्ताहिक बाजार में जब धान बेचने पहुंचे किसानों को कोई खरीदार ही नहीं मिला. तब नाराज किसानों ने सड़क पर अपना धान फेंक कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों की मांग है कि या तो फौरन सरकार धान खरीदी करे या फिर व्यापारियों को खरीदने दे.

बता दें कि करीब सप्ताहभर पहले सुकमा में भी इसी तरह का प्रदर्शन किसानों ने किया था. सुकमा में व्यापारी किसानों से धान नहीं खरीद रहे थे. इससे परेशान किसानों ने धान को बाजार में ही फेंक दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. बता दें कि पड़ोसी राज्यों से धान के अवैध परिवहन की आशंका से सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. इसके तहत बगैर प्रमाण के रखे गए धान जब्त किए जा रहे हैं. इसके चलते ही व्यापारी किसानों से धान नहीं खरीद रहे हैं.

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