किशोर कुमार गीतों को जीते थे और हरफनमौला कलाकार थे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

किशोर कुमार गीतों को जीते थे और हरफनमौला कलाकार थे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रख्यात पार्श्व गायक किशोर कुमार की जन्मस्थली खंडवा में पुण्य तिथि पर गीतकार प्रसून जोशी किशोर कुमार सम्मान से अलंकृत

प्रतिवर्ष दो दिन का होगा समारोह, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़कर की घोषणा

भोपाल 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रख्यात पार्श्व गायक और अभिनेता  किशोर कुमार असाधारण कलाकार थे। वे गीतों को गाते नहीं थे, बल्कि गीतों को जीते थे। पूरा समय मस्ती में रहते थे। ऐसे हरफनमौला कलाकार थे, जिसका अलग अंदाज था। उनकी स्मृति में मध्यप्रदेश सरकार प्रतिवर्ष दो दिन का समारोह आयोजित करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार की रात्रि मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल रूप से प्रख्यात पार्श्व गायक और अभिनेता किशोर कुमार की स्मृति में खण्डवा में हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय "किशोर कुमार सम्मामन अलंकरण समारोह" को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रख्यात गीतकार  प्रसून जोशी को किशोर कुमार सम्मान अलंकरण प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मायन से  प्रसून जोशी को अलंकृत किए जाने पर बधाई देते हुए कहा कि  जोशी ने अपनी कलम का जादू दिखाया है। उनके लिखे विज्ञापन के जिंगल्स भी लोकप्रिय हुए हैं। भगवान राम, भगवान कृष्ण और मां पर जोशी जी के गीतों और कविताओं को बहुत पसंद किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खण्डवा किशोर कुमार की जन्म भूमि के साथ ही दादा माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मभूमि रही है। यहां दादा धूनी वाले का आशीर्वाद है। इसके साथ ही ओंकारेश्वर धाम भी खण्डवा जिले में है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किशार कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व का विस्तार से उल्लेख किया। विशेष रूप से इंदौर के कॉलेज में अध्ययन के दौरान घटित विशेष प्रसंगों को गीतों और अभिनय में शामिल करने, पड़ोसन और चलती का नाम गाड़ी जैसी फिल्मों में गायन और अभिनय के प्रभावशाली अंदाज, फक्कड़ स्वभाव और अपने बड़े भाई अशोक कुमार के साथ प्रगाढ़ संबंध का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी गाया गीत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किशोर कुमार के गाए गीत " जिंदगी एक सफर है सुहाना….." की पंक्तियां गाकर किशोर कुमार को याद किया और उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि दी। गीतकार प्रसून जोशी ने प्राप्त सम्मान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव और मध्यप्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।  जोशी ने कहा कि किशोर दा की हंसी हमेशा गूंजती रहेगी। वे बाल सुलभ थे, आज के जीवन में वैसा रहना मुश्किल है। उन्होंने गीतकारों के शब्दों को जीवंत करने का कार्य किया। वे आशा और उम्मीद की आवाज बने।  जोशी ने किशोर दा के गाए गीत "आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं, एक ऐसे गगन के तले, जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो,बस प्यार ही प्यार पले, एक ऐसे गगन के तले…." को गाकर सुनाया।

कार्यक्रम को जनजातीय कार्य मंत्री  विजय शाह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर खण्डवा क्षेत्र के सांसद  ज्ञानेश्वर पाटिल, गीतकार  प्रसून जोशी की धर्मपत्नी मती अर्पणा जोशी, विधायक  नारायण पटेल, मती कंचन तनवे, सु छाया मोरे, खण्डवा की महापौर मती अमृता यादव और अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन  आशीष दवे ने किया। संस्कृति सचिव  एनपी नामदेव ने  प्रसून जोशी को दिए गए प्रशस्ति पत्र का वाचन किया।

 

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