Johaar36garh (Web Desk)|छत्तीसगढ़ में एक भी गुरु घासीदास जी के जीवनी में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिससे सतनामी समाज आकोशित हो गया है | संस्थापक व प्रकाशक के खिलाफ कार्यवाही को लेकर प्रदेशभर में समाज के लोगों द्वारा ज्ञापन सौंपने का दौर शुरू हो गया है| जिला कोरबा में अजाक्स ने पुलिस अधीक्षक जिला कोरबा एवं अनुसूचित जाति कल्याण थाना कोरबा में शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है |
छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ अजाक्स के प्रांतीय महामंत्री केआर डहरिया के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक जिला कोरबा एवं अनुसूचित जाति कल्याण थाना कोरबा से संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा तथा मांग किया कि डॉ मनोज अग्रवाल डेस्टिनी पब्लिकेशन रायपुर एवं श्री युगबोध अग्रवाल प्रबोध एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड जी ई रोड रायपुर के विरुद्ध अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम भारतीय दंड संहिता की धारा 3/1 /10 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने मांग किया गया ।
ज्ञापन अनुसार सतनाम धर्म के प्रवर्तक गुरु घासीदास जी के संबंध में आपत्तिजनक तथा वैधानिक शब्द जैसे गुरु घासीदास जी का जन्म गिरौदपुरी ग्राम के एक हरिजन परिवार में 18 दिसंबर 1756 को हुआ । तथा श्री युगबोध अग्रवाल द्वारा अपनी प्रकाशित हिंदी गाइड पुस्तक प्रबोध हिंदी आधार कक्षा 11वीं के पृष्ठ क्रमांक 47- 48 में ‘आरक्षण की समस्या’ निबंध लिखा गया है जिसके पैरा 3 में अनुसूचित जाति वर्ग को अछूत हरिजन मौलिक अधिकार से वंचित हैं कह कर प्रतिबंधित शब्दों का प्रयोग कर इस वर्ग के लोगों को अपमानित किया गया है । उक्त ज्ञापन में यह मांग किया गया है कि दोनों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। संघ के प्रांतीय महामंत्री प्रशासन एवं समन्वय के आर डहरिया, जिलाध्यक्ष कोरबा के डी पात्रे, जिला उपाध्यक्ष जगमोहन पाटले, जिला सचिव आर डी केशकर कटघोरा विकास खण्ड अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार खुंटे , सचिव जी एल कुर्रे उपस्थित थे।
