Johar36garh (Web Desk)|जांजगीर-चांपा जिले की आम जनता के मन में यह आशंका है कि कोरोना टेस्ट कराने पर यदि कोराना पाजिटिव आ गए तो क्या होगा। अस्पताल के अलावा कोई विकल्प है क्या। इस डर से कई लोग टेस्ट के बाद अपना मोबाइल बंद कर ले रहे हैं जो बिल्कुल सही नही है,न उनके लिए और न ही उनके प्रिय जनों के लिए जिनकी जान वे जोखिम में डाल रहे हैं।
जांजगीर जिले में कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव होने के बाद मरीजों के पास अनेक विकल्प
इसकी सिलसिलेवार प्रक्रिया यह है कि रैपिड एंटीजेन का परिणाम जल्दी आता है और यदि आर टी पी सी आर कराया है तो टेस्ट कराने के दूसरे या तीसरे दिन रिजल्ट आता है। यदि कोई व्यक्ति कोरोना पाजिटिव पाया गया और उसमें कोरोना के कोई लक्षण नही हैं तो उसे विकल्प दिया जाएगा कि अपने घर पर ही रहकर चिकित्सक की देखरेख में इलाज कराएं या निजी अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में भरती हो जाएं। पाजिटिव मरीज के फोन में होम आइसोलेशन का लिंक भी भेजा जाएगा जिसमें कुछ सरल सी जानकारी देनी रहती है। उसे भर कर आनलाइन जमा करना होगा। यदि किसी व्यक्ति को लिंक की वांछित जानकारी भरने में परेशानी हो तो वे उक्त नंबर में संपर्क कर मदद ले सकते है। यदि मरीज के घर मे उसे रखने के लिए पृथक से कमरा शौचालय एवं बाथरूम युक्त है तो अधिकारी सर्वेक्षण कर अनुमति दे देते हैं। होम आइसोलेशन एप के जरिए सरकारी और निजी चिकित्सक, मरीजों से जुडे़ हुए हैं।
जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था के तहत जिला स्तरीय होम आइसोलेशन
कंटोल रूम सी एम एच ओ आफिस के पीछे सिविल सर्जन आवास में बनाया गया है जो 24 घंटे सातों दिन काम कर रहा है। यहां से होम आइसोलेशन के मरीजों से लगातार संवाद कर उनकी तबीयत पूछी जाती है। यहां स्वास्थ्य विभाग के काउंसलर द्वारा भी मरीजों से बात कर उनकी समस्याएं सुनी जाती हैं। रात के समय या किसी भी समय यदि मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो एंबुलेंस भिजवा कर मरीज को अस्पताल भर्ती किया जाता है। होम आइसोलेशन के कोविड मरीजों के लिए आपातकालीन नंबर 9179623851,9179625229है जहां फोन कर सहायता ली जा सकती है
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील भी की गई है कि जिन व्यक्तियों ने अपने कोरोना पाजिटिव होने की बात छुपाई है वे आगे आएं और अपना इलाज कराएं और अपने परिजनों को भी इस बीमारी सें बचाएं। चिकित्सकों का मानना है और यह साबित भी हो गया है कि समय पर इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं ।
कोविड अस्पताल और 9 कोविड केयर सेंटर्स में कुल 1028 बेड, 509 मरीजो का उपचार जारी,
519 बेड रिक्त
कलेक्टर के मार्गनिर्देशन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कोविड अस्पताल और 09 कोविड केयर सेंटर मे कुल 1028 बेड की व्यवस्था की गई है। जिनमें से 509 बेड पर मरीजों का उपचार किया जा रहा है, एवं 519 बेड रिक्त है। कोविड अस्पताल और 9 कोविड केयर सेंटर्स में स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाल अनुसार समुचित व्यवस्था की गई है।
कोविड केयर सेंटर्स के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर करूण डहरिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 सितंबर को सायं 5 बजे की स्थिति मे जिला अस्पताल परिसर के कोविड अस्पताल में 80 बेड उपलब्ध है, इनमें 50 मरीज भर्ती है। इसी प्रकार
आईटीआई कुलीपोटा में 150 बेड हैं इनमें 100 मरीजो का उपचार जारी हैं।
आकांक्षा परिसर जर्वे में 100 बेड की क्षमता है, वहां पर 60 मरीजो का उपचार जारी है।
दिव्यांग स्कूल पेण्ड्रीभाठा में 128 बेड की व्यवस्था है, जिस पर 108 में मरीज भर्ती हैं।
कृषि महाविद्यालय बालक छात्रावास भवन जर्वे के 35 बेड सभी रिक्त है।
शासकीय एमएमआर महाविद्यालय चांपा में 130 बेड की व्यवस्था है जिनमें 96 पर मरीज भर्ती है।
शासकीय क्रांतिकारी भारती महाविद्यालय जेठा सक्ती में 60 बेड उपलब्ध है, इनमें 29 मरीज भर्ती है।
शासकीय अनुसूचित जाति बालक आश्रम धौराभाठा डभरा में 100 बेड है, जिनमें 28 में मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
आईटीआई अकलतरा में 95 बेड हैं जिनमें 38 मरीज भर्ती हैं
आईटीआई भवन महुदा-बलौदा मे 150 बेड की व्यवस्था की गई है।
जिसमे सभी रिक्त है। कोविड अस्पताल और कोविड केयर सेंटर्स में उपलब्ध बेड की संख्या प्रतिदिन जिले की वेबसाईट मे उपलब्ध कराई जा रही है।