छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्यगण बालो बघेल व अर्चना उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 250 वीं सुनवाई हुई।
रायपुर जिले में कुल 122 वीं जनसुनवाई। एक महिला का विवाह 2 मई 2013 को हुआ था। और उसकी 2 संतान बेटी 5 वर्ष और बेटा 2 वर्ष का है। आवेदिका और उसके पति का तलाक नहीं हुआ है। दोनो पति-पत्नि के बीच 12.05.2023 को लिखित सुलहनामा बनाया गया था, लेकिन उसी दिनांक को अनावेदिका क्र. 1 अपने दोनो बच्चों को लेकर अन्य पुरुष के साथ भाग गई थी। तब से अनावेदिका क्र. 1 को पता नही चल रहा था। साइबर सेल से अनावेदिका क्र 2 का पता चला। आज की सुनवाई में उसे प्रस्तुत किया गया।
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आयोग के सामने समझाईश दिये जाने पर भी वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थी, उसकी 5 वर्षीय पुत्री से पुछने पर पता चला की वह अन्य पुरुष के साथ रह रही थी और अपने बच्चों को भी स्कूल में नहीं डाला जिससे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। ऐसी स्थिति में अनावेदिका के गलत चाल-चलन को सुधारने के लिए उसे 2 माह के लिए नारी निकेतन भेजा गया। तब तक के लिए दोनो बच्चों को उसके पिता को सौंपा गया ताकि वह अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा कर सके।
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एक अन्य केस में आवेदिका ने अपनी एक लिखित शिकायत आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसमें आवेदिका पक्ष के द्वारा शादी के समय अनावेदक पक्ष को 10 लाख रू. देने व विवाह में 35-40 लाख रु. खर्च किये जाने का उल्लेख किया गया है। आवेदिका का विवाह दिनांक 30.10.2022 को हुआ और 21.01.2024 को आवेदिका को उसके घर के बाहर उसका पति (अनावेदक क्र.1) छोड़कर चला गया था। अनावेदक क्र. 1 सुनवाई में अनुपस्थित रहा है। आयोग ने अगली सुनवाई में समस्त अनावेदकगणों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया ताकि आगे प्रकरण को सुना जा सके।
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