Johar36garh| छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर अपवाहों का दौर शुरू हो गया है, जिसने शासन – प्रशासन की नींदे उड़ाकर रख दी है | मसलन स्वयं छत्तीसगढ़ शासन के सचिव डॉ.कमलप्रीत सिंह को सफाई देना पड़ा | उन्होंने कहा कि किसानों से लिमिट लगाकर धान खरीदने की गलत अफवाह फैलाई जा रही है।
6 दिसंबर तक धान खरीदी के पहले सप्ताह में 173491 किसानों से 7 लाख 26 हजार 897 किसानों को 700 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। बाहर से धान लाकर खपाने वालों के विरुध्द कार्रवाई की जा रही है। 7 दिसम्बर की स्थिति में 2270 प्रकरणों में जिसमें 2138 कोचियों और 132 अंतरराज्यीय मामले में कार्रवाई की गई है। इसमें 29170 टन अवैध धान जब्त किया गया है। किसी भी किसान के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सभी प्रकरणों में धान खरीदी के ऐसे प्रकरण जिसमें बिना किसी मंडी लाइसेंस अथवा अन्य दस्तावेज जैसे खरीदी पत्रक नहीं होने पर कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ के किसानों को फायदा मिल पाए इसका ध्यान रखा गया है। धान खरीदी पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। 15 फरवरी तक धान खरीदी की जाएगी। धान खरीदी में किसी प्रकार का घपला न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में छोटे व्यापारियों वैध तरीके से किसानों से धान खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मंडी अधिनियम के तहत 4 क्विंटल के स्थान पर 10 क्विंटल के संग्रहण की अनुमति छोटे व्यापारियों को दी गई है। यह अफवाह असत्य है कि कोई लिमिट लगाकर किसानों से धान खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। 2500 प्रति क्विंटल की दर से शेष राशि के भुगतान के लिए अन्य राज्यों में प्रचलित योजना का अध्ययन कर पृथक योजना शीघ्र की जाएगी।
जोहर36गढ़ के संपादक को भी एक वीडियो मिली है जिसमे एक ब्यक्ति इस बात को बता रहा है की धान खरीदी लिमिट में हो रही है| यह वीडियो प्रायोजित है की हकीकत यह हम नहीं जानते |