जांजगीर जिला के पामगढ़ में एक छात्र ने 6वीं से सीधे छलांग लगाकर 9 कक्षा में दाखिला ले लिया, मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया | जाँच के लिए पहुंची टीम को सारे दस्तावेज फर्जी मिले, अब स्कूल प्रबंधन इस मामले को लेकर पुलिस थाना में एफआईआर कराने की तैयारी में है| जानकारी के अनुसार फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का एक गिरोह क्षेत्र में सक्रीय है, जो इस तरह के फर्जी दस्तावेज बनाकर छात्रों को उपलब्ध करा चुके हैं| पूरा मामला पामगढ़ थाना क्षेत्र का है |
दरअसल पामगढ़ के स्वामी आत्मानंद स्कूल में कक्षा 9 वीं में अध्ययनरत छात्र ग्राम भदरा निवासी कुमार पिता कुमार उम्र 11 साल ने इस वर्ष दाखिला लिया | वह बाकायदा नियमित स्कूल जा रहा था, लेकिन कुछ महीनों बाद आरटीआई के माध्यम से निकले दस्तावेज में छात्र द्वारा स्कूल में प्रस्तुत किए गए सारे दस्तावेज फर्जी निकले, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया, तत्काल एक टीम पूर्व में अध्ययनरत स्कूल भदरा में दस्तावेजों की जाँच के लिए गई| जहां चौकाने वाली जानकारी सामने आई | छात्र द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज पूरी तरह फर्जी थे | सभी दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे |
विद्यालय भदरा से जानकारी मिली की उक्त छात्र 5 जुलाई 2016 में दाखिला लिया था | शिक्षण सत्र 2021-22 में छात्र कक्षा 6वीं का छात्र था | छात्र ने स्कूल से अंकसूची और स्थानांतरण प्रमाण-पत्र नहीं लिया था | जबकि शिक्षण सत्र 2021-22 में उसने पामगढ़ के स्वामी आत्मानन्द स्कूल में कक्षा 8 का अंकसूची और स्थानांतरण प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर कक्षा 9 वीं में दाखिला लिया था. छात्र ने 7 और 8 कक्षा पढ़ा ही नहीं था | इस मामले के उजागर होने के बाद दोनों ही स्कूल में खलबली मची हुई है |

शिक्षा अधिकारी समेत सभी के हस्ताक्षर फर्जी
प्रस्तुत दस्तावेज़ के कक्षा 8वीं की अंकसूची में जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर संकुल समन्वयक, प्रधान अध्यापक और कक्षा अध्यापक तक के हस्ताक्षर हैं | जाँच में पता चला की छात्र ने कक्षा 7वीं और 8 वीं पढ़ा ही नहीं है | अंकसूची में किए गए सभी हस्ताक्षर फर्जी हैं |

जन्मतिथि में बनाया 6 साल बड़ा
जाँच के दौरान पता चला की छात्र को अधिक कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए उम्र से 6 साल बड़ा बताया गया | पूर्व स्कूल में प्रवेश के दौरान छात्र की जन्मतिथि 5 दिसंबर 2010 था | जिसे फर्जी स्थानांतरण प्रमाण-पत्र में 25 दिसंबर 2006 बताया गया है | कोई भी दस्तावेज एक सामान नहीं है | सभी भरी अंतर नजर आ रहा है |

ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल जिस स्कूल में छात्र पढ़ रहा था | वहां उसने फ़ीस नहीं पटाई थी और नहीं अंकसूची और स्थानातरण प्रमाण-पत्र लिया था | इसी बीच स्कूल के प्राचार्य ने देखा की छात्र स्वामी आत्मानंद स्कूल का ड्रेस पहनकर पामगढ़ की ओर जा रहा था | प्राचार्य को कुछ समझ नहीं आया | उसने छात्र के बारे में पूछ परख की तब पता चला की वह कक्षा 9 वीं में दाखिला लिया है | प्राचार्य ने स्कूल से आरटीआई के माध्यम से उक्त छात्र के दस्तावेज निकाले, जो दस्तावेज प्राचार्य के हाथ लगे उससे उसका सिर चकरा गया | उसके स्कूल के कक्षा 8 के सभी स्टाफ के हस्ताक्षर थे | जबकि छात्र कक्षा 7वीं या 8 वीं नहीं बल्कि कक्षा 6 वीं पढ़ रहा था | तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ | अब दोनों ही स्कूल के प्रबंधक इस मामले को पुलिस विभाग को सौंपने जा रहे हैं, जिससे फर्जी दस्तावेज बनाने वालों का भंडाफोड़ हो सके |
