जयंती पर याद किया गए लुई ब्रेल, पामगढ़ में मनमोहक प्रस्तुति

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=womb9rcKK6c[/embedyt]Johar36garh (Web Desk)|जांजगीर जिला के पामगढ़ में शनिवार लुई ब्रेल की जयंती पर भावभीनी श्रधांजलि दी गई | इस मौके पर बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति दी | दृस्टि एवं श्रवणबाधित विद्यालय पामगढ़ में आयोजित कार्यक्रम को संचालित करते हुए संस्था के संचालक दूजराम ज्योति ने बताया की अपंगता हमेशा जीवन की बाधा नहीं होती, वरदान भी हो सकती है – यह दुनिया के बहुत  सारे लोगों ने बार-बार साबित किया है। करीब दो सौ साल पहले फ्रांस में ऐसे ही एक व्यक्ति हुए थे लुई ब्रेल जिन्होंने अपनी संकल्पशक्ति से दुनिया के दृष्टिहीनों की दुनिया ही बदल कर रख दी। 5 साल की छोटी उम्र में एक दुर्घटना में अपनी दोनों आंखें गंवा देने वाले फ्रांस के एक मजदूर के बेटे लुई ब्रेल ने किस्मत के आगे हथियार नहीं डाले। उन्होंने अपनी कल्पनाशक्ति, लगन और मेहनत से दुनिया को वह अनमोल उपहार दिया, जिसपर मनुष्यता आज भी गर्व करती है ! वह उपहार थी दुनिया की महानतम खोजों में एक दृष्टिहीनों के लिए ब्रेल लिपि का अद्भुत आविष्कार। इस आविष्कार ने दुनिया के दृष्टिहीनों को पढ़ने-लिखने के मौके देकर उनके अंधेरे जीवन में रोशनी भर दी। आजतक ‘ब्रेल लिपि’ ही बिना आंख के लोगों के लिए अपनी दुनिया और अपने लोगों से जुड़ाव एवं संवाद का एकमात्र ज़रिया बनी हुई है। 

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