रोलिंग बजट बनाने में मध्यप्रदेश बनेगा देश का पहला राज्य

जनअपेक्षाओं के अनुरूप होगा मध्यप्रदेश का बजट
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने की बजट विशेषज्ञों से चर्चा

भोपाल

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि लोकतंत्र की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए जनअपेक्षाओं के अनुरूप मध्यप्रदेश का बजट तैयार किया जाएगा। नवाचार के रूप में वर्ष 2026-27 के बजट अनुमानों के साथ वर्ष 2027-28 एवं वर्ष 2028-29 के सांकेतिक बजट अनुमान भी तैयार किए जा रहे हैं। इस प्रकार आगामी तीन वर्षों के लिए रोलिंग बजट तैयार करने की पहल करने में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनेगा।

उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने सोमवार को बजट संवाद कार्यक्रम में यह जानकारी दी। वर्ष 2026-27 के बजट को अधिक लोक कल्याणकारी, व्यवहारिक और परिणामोन्मुख बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित बजट संवाद कार्यक्रम में अर्थशास्त्रियों, बजट विशेषज्ञों, प्रबुद्ध विचारकों एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बजट केवल आंकड़ों का दस्तावेज न होकर आम जनता की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब होना चाहिए। सरकार का निरंतर प्रयास है कि बजट निर्माण की प्रक्रिया में जनभागीदारी को और अधिक विस्तार दिया जाए और प्राप्त सुझावों को नीति निर्धारण की प्रक्रिया में शामिल किया जाए।

उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने बजट संवाद को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष प्रदेश के बजट को सरल, सहज और व्यावहारिक स्वरूप देने का प्रयास किया जाता है, जिससे आम नागरिक भी बजट निर्माण प्रक्रिया को आसानी से समझ सके। बजट को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आम जनता, विषय विशेषज्ञों और प्रबुद्ध वर्ग से ई-मेल, वेबसाइट, दूरभाष एवं अन्य संचार माध्यमों के जरिए सुझाव आमंत्रित किए गए, जिनके माध्यम से लगभग 945 सुझाव प्राप्त हुए हैं।

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उप मुख्यमंत्री  देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के संकल्प में प्रदेश का उल्लेखनीय योगदान सुनिश्चित करने हेतु पूंजीगत व्यय में निरंतर वृद्धि की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 में ₹82 हजार 513 करोड़ का पूंजीगत व्यय प्रावधान अब तक का सर्वाधिक है।

उन्होंने आगामी लक्ष्यों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2029 तक राज्य का सकल घरेलू उत्पाद ₹27.2 लाख करोड़ तथा वर्ष 2047 तक ₹250 लाख करोड़ से अधिक करने का लक्ष्य है। साथ ही प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि का रोडमैप तैयार किया गया है।

उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि आगामी बजट में कृषि और किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे किसानों की आय बढ़े और सब्सिडी पर निर्भरता कम हो। साथ ही उद्योग, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन के क्षेत्र में सुधार हेतु भी विशेषज्ञों से ठोस सुझाव आमंत्रित किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास और नागरिकों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और बजट विशेषज्ञों के सुझावों से प्रदेश अपने लक्ष्यों को शीघ्र प्राप्त करेगा।

             सचिव वित्त लोकेश कुमार जाटव ने स्वागत भाषण में कहा कि बजट सुझाव को यथोचित बजट में शामिल करेंगे। उन्होंने बजट की पूरी प्रक्रिया संक्षेप में जानकारी दी।

             उप महाप्रबंधक नाबार्ड सुशील कुमार ने सुझाव दिया कि विकसित भारत 2047 के लिये कारपोरेट सेक्टर की भूमिका, इनवेस्टमेंट बढ़ना, सिंचाई और मंडी इंफ्रास्ट्रेक्चर को बढ़ाना होगा। कुछ विशेष एरिया को शामिल किया जाना चाहिए।

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             सदस्य मध्यप्रदेश युवा आयोग आशुतोष सिंह ठाकुर ने नेशनल युथ पॉलिसी के कुछ विशेष एरिया को शामिल किया जाना चाहिए, युवाओं को स्किल ट्रेनिंग, लैग्वेंज सिस्टम को लागू करने के लिये उच्च शिक्षा में बजट प्रावधान अलग से होना चाहिए।

             पूर्व अध्यक्ष सी.सी.आई. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने युज आफ डूईंग बिजनेस एवं स्टॉट-अप एवं डीफेंस कॉरिडोर पर अपने सुझाव दिया।

             उप महाप्रबंधक आरबीआई अल्का गर्दे ने कहा महिलाओं को जो भी प्रशिक्षण दिया जाये जिसमें इनकम जनरेटिंग पॉइंट को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने एमएसएमई क्लस्टर्स को बढ़ावा देने की भी बात की है।

             अध्यक्ष उद्योग भारती मितेश लोकवानी ने आईटी सेक्टर, सेमीकंडक्टर में मध्यप्रदेश के निर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफैक्चर एवं लॉजिस्टिक हब बनाने पर जोर दिया।

             सोशल पॉलिसीस्पेशलिस्ट सोमेन बागची ने चाइल्ड बजट में चिल्ड्रन पर इनवेस्टमेंट एवं केयर इडस्ट्रीपर अपने विचार व्यक्त किये।

             सलाहकार नीति आयोग राजीव ठाकुर ने कृषि उद्योग एवं टेक्सटाइल एवं ऑटोमोबाइलस पर अपने सुझाव दिये।

             चार्टर्ड एकाउंटेंट नवनीत गर्ग ने जीएसटी एवं डाटा सेंटर पर अपने सुझाव दिया।

             फिल्म अभिनेता राजीव वर्मा ने कहा कि कला व्यक्तिव निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने मांग की कि सभागृहों में किराया कम करने, मनोरंजन कर न लगाने एवं नाटय आकादमी में सीटों की सीमा बढा़ने और नाट्य गृहों का निर्माण मध्यप्रदेश में किया जाना चाहिए।

             नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी मेनेजमेंट प्रो. प्रताप जैना ने कहा कि मध्यप्रदेश ने जीएसडीपी में बहुत अच्छा कार्य किया है। उन्होंने रेवन्यू सरप्लस होने पर खुशी जताई है। पूंजीगत व्यय पर मध्यप्रदेश की सराहना की।

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             संयोजक एसएलबीसी एवं महाप्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया धीरज गोयल ने कहा प्रदेश सरकार आगामी बजट में वित्तीय अनुशासन बनाये रखते हुए समावेशी और सतत विकास को प्राथमिकता दी है।

             भारतीय वन प्रबंधन संस्थान प्रो. योगेश दुबे ने वन, वन्यजीव, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन को प्राथमिकता देने की बात कही।

             नेशनल इंस्टिट्यूट आफ फाईनेंशियल मेनेजमेंट बृजेश कुमार ने विकसित भारत 2047 के लिये प्रति व्यक्ति आय समाजिक समरसता, तकनीकी विकास, पर्यावरण स्थिरता एवं ग्लोबल प्रजेंश पर अपने सुझाव दिये।

             निकोर फाउंडेशन मिताली निकोर ने जेंडर बजट में महिलाओं को क्रियेटर के रूप में बनाना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार ऐसे स्कीम डिजाइन करें जिसमें महिलाएँ अपने विचार एवं लाभ ले सकें। उन्होंने केयर इकनॉमी पर भी सुझाव दिया।

             कृषि में नवाचार नरसिंहपुर ड्रोन आचार्य भक्तराज ने सुझाव दिया कि कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा बाउचर से किसानों को प्रमोट किया जाए एवं स्थानीय विशेषज्ञों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने दलहन खेती में ड्रोन की भूमिका पर  भक्तराज की सराहना भी की थी।

             संचालक बजट राजीव रंजन मीना ने उप मुख्यमंत्री देवड़ा सहित आमंत्रित विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार उनके बहुमूल्य सुझावों को बजट में शामिल करने का परीक्षण करेगी।

इस अवसर पर वित्त विभाग एवं वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।