काडियाना नाले में बड़ा हादसा: मलबे में दबी बस, यात्रियों में मचा हड़कंप

हिमाचल

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है, खासकर जिला सिरमौर में स्थिति गंभीर बनी हुई है। रात भर से जारी मूसलाधार बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे सड़कें बंद हो गई हैं और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

बाल-बाल बची निजी बस में फंसी 15 सवारियां
सोमवार सुबह श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के संगड़ाह-चढ़ाना सड़क पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। काडियाना नाले में भारी मात्रा में मलबा आने से एक निजी बस फंस गई। बस में करीब 15 सवारियां मौजूद थीं। गनीमत रही कि चालक और परिचालक ने सूझबूझ से काम लिया और सावधानीपूर्वक यात्रियों को इमरजेंसी व चालक के दरवाजे से बाहर निकाला। मलबे की मात्रा इतनी ज़्यादा थी कि बस अपनी जगह से हिल भी नहीं पाई और सवारियों वाली तरफ के दरवाज़े मलबे में बुरी तरह फंस गए थे, जिससे उन्हें खोलना नामुमकिन हो गया था। इस दौरान बस में सवार यात्री काफी दहशत में आ गए थे।

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बारिश के कारण नेशनल हाईवे 707 और 907-ए पर भी भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। जिला सिरमौर के पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा नेशनल हाईवे 707 सोमवार सुबह शिलाई के पास उत्तरी में भारी भूस्खलन के कारण एक बार फिर बंद हो गया। बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर आ गिरने से दोनों तरफ वाहनों का लंबा जाम लग गया है। इसी तरह, नाहन-कुमारहट्टी नेशनल हाईवे 907-ए भी सादना घाट में भारी भूस्खलन के कारण बाधित हो गया है। इन महत्वपूर्ण सड़कों के बंद होने से यातायात बुरी तरह चरमरा गया है।

जिला सिरमौर में देर रात से हो रही लगातार बारिश के चलते लोक निर्माण विभाग के अनुसार 20 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली संगड़ाह-पालर-राजगढ़ सड़क भी भूस्खलन के कारण बंद पड़ी है। सड़कों के बंद होने से न केवल आम लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि स्कूल, कॉलेज और कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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लगातार हो रही बारिश का असर किसानों की फसलों पर भी पड़ा है। पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण शिमला मिर्च और टमाटर जैसी महत्वपूर्ण फसलें काफी हद तक बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द सड़कों को खोलने और राहत कार्यों को तेज़ करने के प्रयास किए जा रहे हैं।