Sunday, December 15, 2024
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लोक परिसम्पत्तियों का बेहतर प्रबंधन करें, इन्हें अतिक्रमण मुक्त करें: मंत्री डॉ. शाह

भोपाल
जनजातीय कार्य, लोक परसिम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश में एवं प्रदेश के बाहर राज्य सरकार के स्वामित्व वाली लोक परिसम्पत्तियों का प्रदेश की जनता के हित में बेहतर तरीके से प्रबंधन किया जाये। इन्हें अतिक्रमण मुक्त कर इनका समुचित संधारण किया जायें। यदि लोक परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन किया जाना है, तो विधिवत प्रक्रिया एवं मापदण्डों का अक्षरश: पालन किया जाये। लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री डॉ. शाह ने विभागीय समीक्षा बैठक में इस आशय के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिला स्तर से प्राप्त सुझावों, निर्वर्तन प्रस्तावों एवं निर्धारित मूल्य के आधार पर निर्वर्तन प्रक्रिया अपनाई जाए। बैठक में प्रमुख सचिव लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन श्री अनिरूद्ध मुखर्जी, उप सचिव श्री संजय कुमार जैन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा उज्जैन जिले की मेसर्स नरेश जिनिंग मिल में प्रचलित न्यायालयीन प्रकरण के निपटान के लिये जिला प्रशासन उज्जैन द्वारा अनावेदक मेसर्स नरेश जिनिंग मिल को न्यायिक प्रक्रिया का पालन कर 03 अप्रैल 2024 को बेदखली आदेश पारित कर कब्जा लेने की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। गणेश जिनिंग मिल पर स्वामित्व संबंधी लंबित न्यायालयीन प्रकरण के चलते सम्पूर्ण क्षेत्रफल पर कई वर्षों तक अतिक्रमण काबिज था। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों से कुल 331408 वर्गफीट भूमि में से 299617 वर्गफीट भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई गई। अतिक्रमण मुक्त 299617 वर्गफीट भूमि का गाईड लाईन अनुसार आंकलित मूल्य 66 करोड़ 81 लाख रूपये है। इसी प्रकार जबलपुर शहरी क्षेत्र में बीएसएनएल द्वारा अधिग्रहित भूमि को पुनः शासन में वैष्ठित किये जाने के विरुद्ध उच्च न्यायालय में दायर याचिका में विभागीय हस्तक्षेप किया गया। इसके बाद त्वरित जवाब-दावा प्रस्तुत करने के लिये कलेक्टर जबलपुर से समन्वय कर यह परिसम्पति पुन: राज्य शासन को वापस दिलाई गई। लोक परिसम्पत्तियों के निर्वर्तन से 141 करोड़ 73 लाख रूपये का राजस्व संग्रहण किया गया।

बैठक में यह भी बताया गया कि विगत 8 माह में 29 निर्वर्तित परिसम्पत्तियों की रजिस्ट्री एवं नामांतरण की कार्यवाही की गई। जिला प्रोत्साहन योजना में आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिये 12 जिलों को 53 करोड़ 74 लाख रूपये वितरित किये गये। राज्य परिसम्पत्तियों की पंजी बनाने के लिये वेब आधारित (GAM-Government Asset Mapping- www.geoportal.mp.gov.in) पोर्टल पर विभाग/जिले द्वारा कुल 11 हजार 641 परिसंपत्तियाँ दर्ज की गई।

बताया गया कि "जिला प्रोत्साहन योजना" अंतर्गत आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिये वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में 31 अगस्त 2023 तक 20 जिलों को 126 करोड़ 79 लाख रूपये वितरित किये गये। इसी प्रकार 01 सितम्बर 2023 से 04 अप्रैल 2024 तक जिला प्रोत्साहन योजनान्तर्गत 16 जिलों से 65 करोड़ 49 लाख रूपये के प्रस्ताव प्राप्त करने के लिये विभागीय स्तर पर कार्यवाही की जा रही है।

 

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