नई दिल्ली
वित्त वर्ष 2024-25 में ज्यादातर भारतीय एयरलाइंस ने नुकसान दर्ज किया है और सबसे ज्यादा घाटा टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को हुआ है। यह जानकारी सरकार की ओर से गुरुवार को संसद को दी गई। लोकसभा में एक सवाल का लिखित में जवाब देते हुए केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि एयर इंडिया और उसकी बजट एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस ने वित्तीय वर्ष के दौरान कर से पूर्व 9,568.4 करोड़ रुपए का संयुक्त घाटा दर्ज किया है।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान एयर इंडिया को 3,890.2 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस को 5,678.2 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अन्य एयरलाइन जैसे अकासा एयर को कर से पूर्व 1,983.4 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। वहीं, इस दौरान स्पाइसजेट को 58.1 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।
इंडिगो, देश की एकमात्र बड़ी एयरलाइन है, जिसे वित्त वर्ष 25 में मुनाफा हुआ है। इंडिगो को पिछले वित्त वर्ष में कर से पहले 7,587.5 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है।प्रोविजनल डेटा से जानकारी मिली है कि एयर इंडिया पर 26,879.6 करोड़ रुपए, इंडिगो पर 67,088.4 करोड़ रुपए, एयर इंडिया एक्सप्रेस पर 617.5 करोड़ रुपए, अकासा एयर पर 78.5 करोड़ रुपए और स्पाइसजेट पर 886 करोड़ रुपए का कर्ज है।
मोहोल ने स्पष्ट किया कि 1994 में एयर कॉर्पोरेशन अधिनियम के निरस्त होने के बाद से एयरलाइनों के वित्तीय और परिचालन संबंधी निर्णय कंपनियां स्वयं लेती हैं, जिसमें ऋण पुनर्गठन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति, 2016 के तहत एक अनुकूल नीतिगत माहौल बनाकर एक सहायक भूमिका निभाती है।
उन्होंने उड़ान जैसी योजनाओं का भी जिक्र किया, जो क्षेत्रीय मार्गों पर परिचालन करने वाली एयरलाइनों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जिससे वे अधिक लागत प्रभावी बनती हैं। ये आंकड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब घरेलू विमानन बाजार में वृद्धि के बावजूद एयरलाइनों की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। मोहोल ने संसद को बताया कि पिछले महीनों की तुलना में जुलाई में एयरलाइन क्षमता में कोई कमी नहीं देखी गई है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार इस क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए चुनौतियों का समाधान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।