माँ का पहले कराया 50 लाख का इंश्योरेंस, गला दबाकर कर दी हत्या, पिता को हुआ संदेह  

यह कहानी है एक माँ की, जिन्हें उनके प्यारे बेटे ने पैसे के लालच में मार डाला. पैसे के लालच में बेताब बेटे ने अपनी माँ को ही मार दिया और प्लान था बाप के भी मर्डर का. यह कहानी हमें एक अजीब सच्चाई की ओर ले जाती है, जहां बेटा मां के प्यार और बेटे का कर्तव्य भूल गया, इस कहानी में आपको बताएंगे कि कैसे पिता को अपने बेटे पर शक हुआ और हत्या की गुत्थी सुलझ गई…

ये कहानी है उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जिले के एक छोटे से परिवार की. गांव के रहने वाले रोशन सिंह एक समृद्ध किसान हैं. उनके परिवार में पत्नी प्रभादेवी और बेटा हिमांशु हैं. रोशन सिंह हनुमान भक्ति में विश्वास रखते हैं और हर मंगलवार को वह चित्रकूट के राजापुर कस्बे में स्थित हनुमान मंदिर में जाते हैं.

एक बार की बात है, जब रोशन सिंह पूजा करके मंदिर से लौट रहे थे, जब वह अपने घर पहुंचा तो उनकी पत्नी प्रभादेवी गायब थी. बेटे हिमांशु से पूछा, लेकिन उसने कोई सही सा जवाब नहीं दिया. रोशन सिंह और हिमांशु ने प्रभादेवी को ढूंढने के लिए गांव का कोना-कोना छान मारा, लेकिन पत्नी का कहीं पता नहीं चला. उन्होंने गांव के लोगों से भी पूछा, लेकिन किसी को नहीं पता था कि प्रभादेवी कहां होंगी.

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पिता को थी अनहोनी की आशंका

रोशन सिंह को चिंता सता रही थी, और वह निराश होकर घर लौट आए. उन्हें लगा कि कुछ बुरा हो गया है, और उनकी पत्नी को खो देने का डर उन्हें सता रहा था. उन्होंने अगले दिन पुलिस को सूचित किया, और उन्होंने प्रभादेवी को ढूँढने के लिए तत्पर जाँच शुरू की.

क्या प्रभादेवी को कुछ हो गया? और उसका पति रोशन सिंह उसे कैसे ढूंढ पायेगा? ये सभी रहस्य आगे की कहानी में सुलझेंगे, जब रोशन सिंह ने अपने बेटे से पूछताछ शुरू की तो उसने पूछा कि उसकी मां घर पर है या नहीं, कहां गई? बेट ने कहा कि शायद वह कुछ कह रही थी, वह अपनी दादी के घर जाने की बात कर रही थी, हो सकता है वह वहां गयी हो. उसका पता लगाने के लिए रोशन सिंह उसके ससुराल भी गये लेकिन कुछ पता नहीं चला. वह वहां भी नहीं थी.

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अगले दिन रोशन ने देखा कि प्रभादेवी की चप्पलें घर में रखी हैं. उसे संदेह था कि प्रभादेवी बिना चप्पल के कहीं नहीं जाती होगी। उन्होंने तुरंत पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला कि हिमांशु सोमवार रात ट्रैक्टर में बोरा लेकर कहीं चला गया है. जब रोशन ने अपने बेटे से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि यह बोरी नहीं है, उसने कुछ और ही देखा होगा। इसके बाद रोशन सिंह ने प्रभादेवी की खोजबीन शुरू की, लेकिन कुछ पता नहीं चला. देर रात जब रोशन सिंह थकेहारे घर लौटे तो उनका बेटा मौजूद था. इस दौरान गांव में यमुना नदी के किनारे बोरे में बंधा महिला का शव मिला. उसके गले में गमछा बंधा हुआ था. यह शव प्रभादेवी का था. उधर, हिमांशु भी घर से भाग गया. इस पर रोशन सिंह का शक यकीन में बदल गया. इसके बाद बेटे हिमांशु पर पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने और शव को ट्रैक्टर से यमुना किनारे फेंकने का आरोप लगा.

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घटना के संबंध में रोशन सिंह ने बताया कि उनके बेटे ने मेरा और मेरी पत्नी का 50-50 लाख रुपये का बीमा कराया था. बीमा की रकम पाने के लिए उसने अपनी मां की हत्या कर दी. इससे पहले भी वह अपने चाचा के घर से आभूषण गायब कर चुका है. हिमांशु ने अपनी मां की बीमा पॉलिसी के कागजात अपने पास रखे थे. पॉलिसी में हिमांशु नॉमिनी थे. फिलहाल पुलिस ने मृतका के पति रोशन की शिकायत पर बेटे हिमांशु के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. फरार हिमांशु की तलाश जारी है