Pamgarh : मृत्यु के 10 साल बाद महिला का पत्नी होने का दावा, मृतक के भाई ने पहचानने से किया इनकार

JJohar36garh News|जांजगीर जिला के पामगढ़ में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें व्यक्ति के मरने के 10 साल बाद महिला ने उसकी पत्नी होने का दावा कर रही है साथ ही एक बच्ची को भी मृतक की बेटी बताया है जबकि मृतक के भाई ने महिला को पहचानने से इंकार कर दिया है |  दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए दस्तावेज भी मेल नहीं खा रहे हैं। उक्त महिला द्वारा पेश किया गया मृत्यु प्रमाण पत्र की तारीख और भाई द्वारा पेश किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु की तारीख अलग-अलग है, वही महिला द्वारा पेश किए गए प्रमाण पत्र में जोगीडीपा का कोई उल्लेख नहीं है जबकि भाई द्वारा पेश किए गए दस्तावेज में मृतक का ग्राम जोगीडीपा बता रहे हैं|  बहरहाल मामला अभी तहसीलदार के समक्ष पेश है।

Pamgarh : मृत्यु के 10 साल बाद महिला का पत्नी होने का दावा, मृतक के भाई ने पहचानने से किया इनकार

मंगलवार की दोपहर पामगढ़ तहसीलदार श्रीमती जयश्री पथे के समक्ष रायपुर खमतराई निवासी अनीता शर्मा ने वकील संतोष कुमार गुप्ता के माध्यम से दावा पेश किया कि वह जोगीडीपा निवासी स्वर्गीय प्रदीप शर्मा की पत्नी है और उनकी एक पुत्री प्राची शर्मा भी है लेकिन उनके पति के भाई प्रमोद शर्मा ने फर्जी दस्तावेज पेश करते हुए उनके पति स्वर्गीय प्रदीप शर्मा के वारिसों को छुपा दिया है और सभी जमीनों पर अपना नाम दर्ज करवाना चाहता है।

वहीं दूसरी ओर मृतक के भाई प्रमोद शर्मा का कहना है कि उक्त महिला को वह नहीं जानता उनके भाई की मृत्यु 25 दिसंबर 2011 में हुई थी जिनका अंतिम संस्कार ग्राम जोगीडीपा में किया गया। उस दौरान उनकी पत्नी नहीं आई और न हीं इलाज के दौरान कहीं नजर आई| प्रमोद शर्मा ने बताया की वे प्रशासनिक अधिकारी थे इस वजह से वह अन्य जिला में रहते थे|  उनके भाई प्रदीप ने उन्हें जानकारी दी थी की मृत्यु के दो-तीन साल पहले उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली गई थी| उनका भी नाम अनीता शर्मा था उस दिन से अभी तक उक्त महिला का कोई पता नहीं चला| महिला द्वारा पेश किए गए आधार कार्ड में प्रदीप शर्मा का जिक्र है लेकिन वह संबोधित बता रहा है पति या पिता यह स्पष्ट नहीं है|  पता भी रायपुर के खमतराई का है मृत्यु प्रमाण पत्र में भी मृतक का जोगीडीपा से कोई संबंध नहीं बता रहा और मृत्यु की तारीख 31 दिसंबर 2011 की है।
प्रमोद शर्मा ने बताया की पिता राजा राम शर्मा की मौत के बाद सभी जमीनों का बटवारा हो चूका था, केवल 5.36 एकड़ जमीन सामूहिक खाते में थी, जिसमें कुल 4 हिस्सेदार थे, इस जमीन से प्रदीप शर्मा ने 1992 में अपने हिस्से से अधिक की जमीन बेच चूका है | चूकि परिवार में कोई बचा नहीं है, इस वजह से फौत की प्रक्रिया नियमानुसार की जा रही थी |

प्रमोद शर्मा के वकील ने बताया कि उक्त महिला द्वारा प्रस्तुत किया गया दस्तावेज से जोगीडीपा का कोई संबंध नहीं है उक्त महिला जो दस्तावेज पेश कर रही है वह स्वर्गीय प्रदीप शर्मा से किसी भी तरह से मेल नहीं खाती।

बहरहाल यह मामला तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत है उनके द्वारा जांच के बाद ही उक्त मामले की सच्चाई सामने आ पाएगी।

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