लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में चल रही अयोध्या केस की सुनवाई अंतिम चरण में है। वहीं कोर्ट के बाहर समझौते की कोशिश भी हो रही है। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने शनिवार को साफ कर दिया कि उसे किसी तरह का समझौता मंजूर नहीं होगा। दरअसल, बीते दिनों मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने मसले का हल कोर्ट से बाहर किए जाने की मांग की थी और कहा था कि मुस्लिम पक्ष को जमीन से अपना हक छोड़ देना चाहिए। इस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रतिक्रिया दी है। शनिवार को इस मुद्दे पर बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें उम्मीद जताई गई कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस का फैसला मुसलमानों के हक में आएगा।
शनिवार को लखनऊ के नदवा कॉलेज में हुई एक अहम बैठक के बाद बोर्ड ने कहा, अयोध्या केस पर वह अपने पुराने रुख पर कायम है। बोर्ड ने किसी भी समझौते से इन्कार करत हुए कहा कि जो जमीन मस्जिद के लिए वक्फ कर दी जाती है, उसे मुसलमान न तो किसी को दे सकते हैं और न ही उस पर से अपना हक छोड़ सकते हैं। बैठक में कहा गया कि समझौते की पहले भी नाकाम कोशिशें हो चुकी हैं।
उम्मीद, हक में आएगा फैसला
मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सदस्यों ने कहा कि बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. राजीव धवन ने सर्वोच्च अदालत में जो दलील दी और गवाह पेश किए है, उससे पूरी उम्मीद है कि फैसला बाबरी मस्जिद के हक में आएगा। (publish naidunia)