Thursday, November 7, 2024
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20 दिनों में परिवार के 5 सदस्यों की रहस्यमय मौत, सुनकर हर कोई हैरान, ऐसे हुआ खुलासा

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत से हड़कंप मच गया है. हैरानी की बात यह है कि 5 लोगों की मौत 20 दिनों के भीतर हुई है और इससे भी हैरानी की बात है कि हत्या के आरोप में घर की ही दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि गढ़चिरौली में 20 दिनों में अपने परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने आरोप में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि कथित तौर पर दोनों महिलाओं ने मृतकों से छुटकारा पाने के लिए भोजन और पानी में जहर मिलाया, जो उन्होंने तेलंगाना से लाया था. इन दोनों ने इस हत्या को फूड प्वाइजनिंग के रूप में पेश करने की कोशिश की थी.

इस कहानी की शुरुआत 20 सितंबर 2023 से होती है. महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के अहेरी तहसील के महागाव में रहने वाले शंकर कुंभारे और उनकी पत्नी विजया कुंभारे की तबीयत खराब होती है. दोनों को सिर से लेकर पैर तक बेहद तेज दर्द की शिकायत थी. दोनों को अहेरी के एक अस्पताल में दिखाया जाता है, लेकिन जब वहां शुरुआती इलाज के बावजूद उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ तो फिर घरवाले उन्हें लेकर चंद्रपुर गए. वहां भी उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई. आखिरकार नागपुर के एक अस्पताल में 26 सितंबर को शंकर कुंभारे की जान चली गई. परिवार के लोग अभी इस सदमे में डूबे ही थे कि तब तक शंकर की पत्नी विजया कुंभारे ने भी दम तोड़ दिया. दो दिनों के अंदर परिवार के दो लोगों की जान चली गई. पूरा परिवार शोक में डूब गया. लेकिन इसी बीमारी और मौत की दहशत और बढ़ गई, जब परिवार के दूसरे लोग भी बीमारी के शिकार होने लगे.

शंकर और विजया की विवाहित बेटी कोमल दहागांवकर और बेटे रौशन कुंभारे की तबीयत खराब हो गई. उनके साथ रहने वाली शंकर कुंभारे की साली आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की तबीयत भी बिगड़ गई. एक-एक कर के सभी को अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा. सभी के बीमारी के लक्षण भी एक जैसे थे. मसलन सभी को पूरे जिस्म में तेज दर्द की शिकायत थी. खास कर कमर के निचले हिस्से में और सिर में दर्द था. सभी के होंठ काले पड़ने लगते और जुबान भारी होने लगती. हालांकि शुरू में खुद कुंभारे परिवार के साथ-साथ डॉक्टरों को भी ये मामला फूड प्वाइजनिंग का लगा, लेकिन धीरे-धीरे मामला उलझता चला गया. कुंभारे परिवार के लोगों का इलाज कर रहे अलग-अलग डॉक्टर भी उनकी बीमारी के सिम्टम्स को देख कर अलग-अलग डायगनोसिस करने के बावजूद किसी एक नतीजे पर नहीं पहुंच पाए. डॉक्टर भी हैरान थे, क्योंकि उनके सामने कभी ऐसे मरीज नहीं आए थे.

मौत और बीमारी के इस सिलसिले के बीच कहानी में एक-एक कर और भी कई अफसोसनाक मुकाम आए. परिवार में हुई दूसरी मौत के ग्यारह दिन बाद यानी 8 अक्टूबर को तीसरी मौत हुई. इस बार शंकर और विजया की बेटी कोमल दहागांवकर की जान चली गई. कुंभारे परिवार का शोक और बढ गया. लोग डर के साये में आ चुके थे. तभी छह रोज गुजरते गुजरते परिवार को चौथा झटका लगा. 14 अक्टूबर को शंकर की साली और विजया की बहन आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की मौत हो गई. उसके अगले दिन 15 अक्टूबर को शंकर और विजया के बेटे रोशन कुंभारे ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस तरह 20 दिनों के अंदर कुंभारे परिवार के पांच लोग किसी रहस्यमयी बीमारी का शिकार बन कर एक-एक कर मौत के मुंह में समा गए. अब ये बात कुंभारे परिवार और महागाव से बाहर पूरे गढचिरौली को डराने लगी. हर तरफ इस रहस्यमयी मौत की चर्चा होने लगी.

कुंभारे परिवार के साथ-साथ उन्हें जानने वाले तमाम लोग मौत के अजीबोगरीब सिलसिले से हैरान और परेशान थे कि कुंभारे परिवार को लेकर और भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आती हैं. पता चलता है कि कुंभारे परिवार का सबसे बड़ा बेटा सागर कुंभारे, जो काम के सिलसिले में दिल्ली में रहता है, वो भी बीमार है. उसे भी बीमारी के कुछ वैसे ही लक्षण हैं, जैसे कि परिवार के दूसरे लोगों को हैं. असल में अपने माता-पिता की मौत की खबर मिलने पर सागर दिल्ली से चंद्रपुर पहुंचा था. वहां माता-पिता के अंतिम संस्कार और क्रिया कर्म में भाग लेने के बाद जब वो दिल्ली पहुंचा, तो उसकी हालत बिगड़ गई. इतनी बिगड़ गई कि उसे दिल्ली के ही एक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इधर शंकर और विजया की तबीयत बिगडने के बाद जो ड्राइवर अपनी कार में दोनों को अहेरी के अस्पताल में लेकर गया था, उस ड्राइवर राकेश मडावी की हालत भी काफी खराब हो गई.

ड्राइवर राकेश मडावी को भी अपने इलाज के लिए चंद्रपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. ठीक इसी तरह अपने बीमारी रिश्तेदारों की मदद के लिए किसी दूसरी जगह से चंद्रपुर पहुंचने वाले शंकर कुंभारे की साली का एक लड़का भी भी रहस्यमयी तरीके से बीमार हो जाता है. उसे भी अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. इस पूरे एपिसोड में एक गौर करने वाली बात ये थी कि कुंभारे परिवार के वही लोग बीमार पड रहे थे या मारे जा रहे थे, जो गढ़चिरौली में रहते थे या वहां गए थे. परिवार के ऐसे सदस्य जो गढ़चिरौली से दूर थे, उन्हें ना तो किसी बीमारी का असर हुआ और ना ही किसी की जान गई. यानी गढ़चिरौली के उस मकान में या कुंभारे परिवार में कुछ तो ऐसा जरूर था, जो लोगों को बीमार कर रहा था. एक साथ एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत कोई मामूली बात नहीं होती, वो भी तब जब परिवार में किसी को भी कोई पुरानी बीमारी ना हो.

इन पांच मौतों ने ना सिर्फ महागाव में बल्कि आस-पास के पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी. इन मौतों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका था. खास कर लोग इन मौतों के पीछे काला जादू यानी अंधश्रद्धा वाली बात कह रहे थे. इन मौतों से गढचिरौली पुलिस के भी कान खडे हो गए. इस बीच पुलिस को नागपुर से मारे गए लोगों की मेडिकल रिपोर्ट मिली, तो उसका शक और भी गहरा गया. असल में डॉक्टरों को भी मौत की वजह साफ-साफ समझ नहीं आ रही थी. मेडिकल रिपोर्ट में कार्डिएक अरेस्ट और मल्टी ऑर्गन फेल्योर को मौत के पीछे की वजह बताई गई थी, लेकिन एकाएक इतने लोगों के साथ ऐसा कैसे हुआ, ये एक बड़ा सवाल था. लिहाजा पुलिस ने जांच शुरू कर दी. पहला शक कुंभारे परिवार की बहू संघमित्रा की तरफ ही गया. ये लाजिमी भी था. क्योंकि कुंभारे परिवार के सारे लोग एक-एक कर बीमार हो रहे थे, मारे जा रहे थे, लेकिन संघमित्रा ठीक थी.

बहू से पूछताछ में खुला राज

पुलिस ने कुंभारे परिवार की बहू संघमित्रा को पूछताछ के लिए बुलाया, तो राज खुल गया. संघमित्रा ने पहले तो पुलिस को धोखा देने की कोशिश की, लेकिन सबकी बीमारी और अपनी तंदरुस्ती के सवाल पर वो फंस गई. उसने ससुरालवालों की मौत के पीछे अपने हाथ होने की बात तो मानी, लेकिन ये कह कर चौंका दिया कि इस साजिश में उसकी एक मामी रोजा रामटेके भी शामिल है. लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर संघमित्रा और उसकी मामी रोज़ा की कुंभारे परिवार से ऐसी क्या दुश्मनी थी? आखिर उन्होंने कुंभारे परिवार की जान लेने के लिए ऐसे कौन से जहर का इस्तेमाल किया, जिससे अब तक मौत की वजह भी साफ नहीं हुआ और एक-एक कर लोग मारे जाते रहे? ऐसा अजीबोगरीब जहर उन्हें मिला कहां से? क्या इस कत्ल में सिर्फ वही दोनों शामिल हैं या फिर इसके पीछे कोई और भी है? पुलिस को अब इन सवालों का जवाब जानना था, जिसकी कोशिश शुरू हो गई.

इस वजह से साजिश में शामिल थी संघमित्रा की मामी

गढ़चिरौली पुलिस ने संघमित्रा और रोजा को हिरासत में ले लिया. संघमित्रा से पूछताछ करने पर पता चला कि उसने कुंभारे परिवार के बेटे रोशन से अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी. संघमित्रा की शादी से उसके माता-पिता इतने दुखी हुए कि उन्होंने खुदकुशी कर ली. लेकिन इधर, शादी के बाद संघमित्रा को ससुराल में रोशन और उसके घर वाले परेशान करने लगे, उसे ताने देने लगे थे, जिससे वो सभी से खार खाये बैठी थी. उनसे बदला लेना चाहती थी. दूसरी ओर, उसकी मामी रोजा रामटेके का कुंभारे परिवार से जमीन को लेकर झगड़ा चला आ रहा था. महागाव में ही जमीन एक हिस्से पर कब्जा करने के लिए वो कुंभारे परिवार के लोगों को रास्ते से हटाना चाहती थी. ऐसे में जब दोनों एक दूसरे से कुंभारे परिवार को लेकर उनके मन में पल रही नफरत की बात कही, तो फिर दोनों ने मिलकर ही कुंभारे परिवार को ठिकाने लगाने की साजिश रच ली.

आकोला से आने वाली संघमित्रा ने एग्रीकल्चर साइंस को लेकर पढ़ाई थी. वो टॉपर थी. इसी वजह से उसे कई किस्म के जहर, कीटनाशक वगैरह की अच्छी जानकारी थी. उसे ये पता था कि आर्सेनिक जैसा हेवी मेटल इंसान को बीमार करने के साथ-साथ मौत के मुंह में तो पहुंचा देता है, लेकिन चूंकि ये रंगहीन और गंधहीन होता है, तो इसे किसी को खिलाने-पिलाने पर उसे इसकी खबर तक नहीं होती और दूसरों को भी इसका पता नहीं चलता. संघमित्रा अब चुपके से सभी के खाने में आर्सेनिक मिलाने लगी. जो लोग कुंभारे परिवार की मदद के लिए पहुंचे, उन्हें भी वो वही जहर मिला खाना या पानी देने लगी, जिससे बाकी लोग भी बीमार होने लगे. फिलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ रोजा के पति प्रमोद रामटेके को भी हिरासत में ले रखा है और उसकी भूमिका की जांच कर रही है. पुलिस को शक है कि प्रमोद इस साजिश की खबर थी.

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