Johar36garh (Web Desk)| भारतीय संविधान पूरी तरह लोकतान्त्रिक है, सभी को सामान अधिकार मिले हैं, इसी तरह भारत के हर एक नागरिक को मतदेने और चुनाव लड़ने का अधिकार मिला हुआ है | इसके बावजूद कुछ एक उदाहरण को छोड़ दें, तो आज भी चुनावों में मतदाता पार्टी विशेष को ही महत्व देते है और उनकी ही जीत होती है| वह पार्टी अच्छा करें या बुरा 90 प्रतिशत जनता को कोई सरोकार नहीं रहता| 5 प्रतिशत जनता ही लोगों को समझाने और 5 प्रतिशत विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से आंदोलन कर नीतियों का विरोध में लगी रही है | किन्तु 90 प्रतिशत जनता की ख़ामोशी के सामने उनकी भी नहीं चलती |
छत्तीसगढ़ में जिस तरह निर्दलीय चुनाव में जीत कर आये हैं उससे लगता हैं की राज्य में लोकतान्त्रिक की ओर जाने का इशारा कर रही है, हालांकि बहुमत बड़ी पार्टियों के पास रहेगा लेकिन चाभी निर्दलीयों के पास ही रहेंगी| निर्दलीयों और पार्टी को भी जनता की सुविधा को देखते हुए क्षेत्र में विकास कार्य किया जायेगा|
छत्तीसगढ़ के 151 निकायों में से 77 में कांग्रेस, 56 में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला है. जबकि 12 निकायों में दोनों ही दलों के लगभग बराबर प्रत्याशी जीते हैं| इसके अलावा 8 निकायों ऐसे भी है जहां पर निर्दलीय किंगमेकर बने हुए है |
38 नगर पालिकाओं में से 18 पर कांग्रेस और 17 में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत है. जबकि 3 में निर्दलीय व अन्य का दबदबा है. प्रदेश के 103 नगर पंचायतों में से 52 में कांग्रेस, 36 में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत है. जबकि 10 जगह मुकाबला बराबरी का है. 5 में निर्दलीय किंगमेकर बनेंगे.