अब पैसा नहीं बनेंगी सतनामी समाज के बच्चों की रुकावट : सतनाम एजुकेशन फाउंडेशन 

आज की शिक्षा इतनी जटिल होती जा रही है की एक सामान्य आदमी के बच्चों का उस तक पहुंच पाना मात्र एक सपना रह गया है, अगर विद्यार्थी कितना भी ज्ञानी, प्रतिभावान या मेहनती क्यों न हो ये सब कोई काम का नहीं है, किन्तु अगर आपके पास पैसा है तो ही आप आज की शिक्षा ले सकेंगे, वर्तमान परिवेश की यही सच्चाई है, छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति वर्ग के सतनामी समाज के लोगों द्वारा इन्ही समस्याओं से निपटने की एक रास्ता निकाला है, उन्होंने सतनाम एजुकेशन फाउंडेशन की स्थपना की हैं |  संस्था प्रदेश के ऐसे बच्चों की तलाश करती है जो प्रतिभावान हो और उनके सामने केवल पैसा ही दिवार बनके खड़ा हो , यह संस्था इन विद्याथियों को उनके हिसाब से कालेजों में एडमिशन कराती है और उनका पूरा खर्च उठाती है |

अब पैसा नहीं बनेंगी सतनामी समाज के बच्चों की रुकावट : सतनाम एजुकेशन फाउंडेशन 
संस्था के माध्यम से दर्जनों विद्यार्थी आज छोटे छोटे गांव से शहरों में पढ़ने का मौका मिला है, ये विद्यार्थी भी इस मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए उच्च शिक्षा का लाभ ले रहे है |  संस्था के अध्यक्ष वाशु देव बंजारे ने बताया की संस्था द्वारा चयनित सभी बच्चों का बराबर मानिटिरिंग की जाती है स्कूल कॉलेज की फ़ीस के अलावा भी उन्हें पढ़ाई में किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं हो रही है, उन्हें सभी तरह का संस्था द्वारा संरक्षण दिया जाता है, ताकि वे अच्छा से अच्छा करके समाज का नाम रौशन कर सके | श्री बंजारे ने बताया की संस्था का प्रयास रहता है की प्रदेशभर के होनहार बच्चों तक हम पहुंच सके और उनकी हर सम्भव मदद कर सके, संस्था का यह शुरुआती दौर है, आगामी समय में सभी सेक्टरों के लिए हम बच्चों को तैयार करेंगे, ताकि समाज में सभी तरह की प्रतिभासमाज रहे, जिसका लाभ समाज को मिल सके| श्री बंजारे ने बताया की शिक्षा के अलावा हम समाज के बेरोजगारो के लिए भी समय – समय पर विभिन्न प्रकार के उद्योगों की कार्यशाला का आयोजन कराते है, उन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं के माध्यम से मदद दिलाने का भी प्रयास करते है, संस्था समाज के कर्मचारियों, अधिकारीयों, प्रतिनिधियों और समाज के लोगों से पैसे इकट्ठे करती है और उन पैसों से बच्चों का खर्च वहन करती है, 

वर्तमान में संस्था द्वारा 
कामेश सागर ( बी एससी एग्रीकल्चर  द्वितीय वर्ष), भानु प्रताप  (एम टेक),  कुबेर ढीमर (11वी),  कमलेश गढ़ेवाल ( बी एससी प्रथम), आकांक्षा जांगड़े ( बी एससी अंतिम),  विजय बिन्दु कोशले ( बी टेक), रीमा मंडले (बी एससी प्रथम), कमलेश्वरी बांधेकर (पीएससी कोचिंग), विशाल रात्रे  (बी ई ), चिराग बंजारे, विष्णु बंजारे, अवल किशोर बसंत, राजेन्द्र बंजारे, देवेश केसरी, शरत चन्द्र खुंटे, अल्का नारंग, कु पूजा आदि  ( पीएससी कोचिंग) कराया जा रहा है 

अब पैसा नहीं बनेंगी सतनामी समाज के बच्चों की रुकावट : सतनाम एजुकेशन फाउंडेशन 

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