कार का किस आधार पर तय होता है इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम, जाने कैसे बचा सकते हैं पैसे

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आज के समय में हर किसी के पास कोई न कोई वाहन है। लोग अपनी जरूरत के मुताबिक अपने पास कार या फिर बाइक रखते हैं। वाहनों को सड़कों पर चलते समय कभी भी कोई दुर्घटना होना आम बात है। ऐसे में वाहन को सुरक्षित रखने के लिए आपको इंश्योरेंस कराना जरूरी है। ये न सिर्फ आपके वाहन को दुर्घटना, बल्कि वाहन चोरी से होने वाले नुकसान को भी रिकवर करने में आपकी मदद करता है।

 

वाहन इंश्योरेंस की बात करें, तो कंपनियों की ओर से कई प्लान्स पेश किए जाते हैं, जो अलग-अलग परिस्थितियों में आपके वाहन को होने वाले नुकसान से कम करते हैं। प्लान्स के हिसाब से ही किसी भी वाहन के इंश्योरेंस का प्रीमियम तय होता है। ऐसे में किसी इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम किस आधार पर तय होता है। इसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए, जिसके बारे में हम अपनी रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं।

 

किसी भी वाहन का बीमित घोषित मूल्य (IDV) उसके बाजार मूल्य के बराबर होता है। इसका मूल्य जितना अधिक होगा, आप क्लेम के समय उतना अधिक भुगतान इंश्योरेंस कंपनी से ले सकते हैं। हालांकि, डेप्रिसिएशन के कारण आईडीवी  हर साल कम होती रहती है।

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इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेशन करते समय में आपके वाहन की आयु सबसे अधिक प्रमुख बिंदुओं में से एक होता है। इस कारण पुराने वाहन में किसी भी दुर्घटना के समय अधिक खर्च आ सकता है। इंश्योरेंस कराते समय आपका वाहन कितने वर्ष पुराना है। इस बात पर खास ध्यान रखना चाहिए।

वाहन का पंजीकरण इंश्योरेंस प्रीमियम के निर्धारण में काफी अहम भूमिका निभाता है। अगर आप शहर में रहते हैं, तो फिर आपके वाहन में नुकसान होने की संभावना अधिक होती है। इस कारण इंश्योरेंस प्रीमियम भी शहर में अधिक होता है।
डिडक्टिबल क्लेम राशि का वह अनुपात है, जिसका भुगतान आपको क्लेम के समय अपनी जेब से करना होगा। इंश्योरेंस कंपनियों से आप अधिक डिडक्टिबल के लिए अनुरोध कर सकते हैं। अधिक डिडक्टिबल के चलते आपका प्रीमियम भी काफी कम हो सकता है।