Saturday, December 14, 2024
spot_img

16 दिसंबर को संसद में पेश होगा वन नेशन वन इलेक्शन बिल

नई दिल्ली
मोदी कैबिनिट की मुहर लगने के बाद सोमवार 16 दिसंबर को एक देश एक चुनाव बिल को संसद में पेश किया जाएगा। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस बिल को लोकसभा में पेश करेंगे। यह एक सौ उनतीसवां संशोधन विधेयक होगा। बता दें कि एक देश एक चुना के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को समिति का चेयरमैन बनाया गया था। उनकी सिफारिशों के बाद अब इसे कैबिनेट से भी पास कर दिया गया है।

दो दिन पहले ही कैबिनेट ने दी थी हरी झंडी
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने मोदी कैबिनेट को सिफारिश भेजी थी जिसके बाद इसपर मुहर लगा दी गई। अब केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस बिल को संसद में पेश करेंगे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रैली में भी इसकी जरूरत को बताया था। र्व राष्ट्रपति कोविंद ने इस पहल को भारत के लोकतंत्र के लिए "गेम-चेंजर" बताया था। मेघवाल संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे। इन मसौदा कानूनों का उद्देश्य देश भर में एक साथ चुनाव कराना है।

विपक्ष इस बिल के खिलाफ
एनडीए के घटक दल इसके समर्थन में हैं तो वहीं कांग्रेस, आप और तृणमूल कांग्रेस सहित भारत गुट के तहत विपक्षी दलों ने क्षेत्रीय स्वायत्तता और चुनावी निष्पक्षता पर एक साथ चुनावों के प्रभाव के बारे में चिंता जताई है। उनका तर्क है कि यह कदम सत्ता को केंद्रीकृत कर सकता है और संघीय सिद्धांतों को कमजोर कर सकता है। कोविंद के नेतृत्व वाले पैनल ने जर्मनी,इंडोनेशिया और जापान जैसे देशों में चुनावी प्रणालियों की समीक्षा की थी। उनका कहा था कि एक साथ चुनाव प्रशासनिक स्थिरता ला सकते हैं,मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर सकते हैं और संभावित रूप से जीडीपी को 1.5% तक बढ़ा सकते हैं।

देश में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश

भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का 2 सितंबर 2023 को गठन किया गया था. इसका मकसद एक साथ चुनाव कराने के लिए सिफारिशें करना. कोविंद समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें सौंपी थी, जिसमें लोकसभा और सभी विधायिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई थी.

कोविंद कमिटी ने पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराने की सिफारिश थी. उसके 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय के चुनाव कराने की सिफारिश की थी. इस समिति में रामनाथ कोविंद समेत आठ सदस्य थे.

Related Articles

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles