इस्लामाबाद । पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के लिए सोमवार का दिन बहुत बड़ा दिन है। जाधव पिछले तीन साल (साल 2016) से जेल में हैं और इस दौरान उन्हें आज पहली बार काउंसलर एक्सेस मिला। भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया ने कुलभूषण जाधव से मुलाकात की। जानकारी के अनुसार जाधव से उन्होंने लगभग दो घंटे तक बातचीत की।
गौरतलब है कि भारत ने कुलभूषण जाधव को दिए जाने वाली राजनयिक पहुंच को लेकर पाकिस्तान के प्रस्ताव को मान लिया। इसके बाद पाकिस्तान में अहलूवालिया, कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय पहुंचे। अहलूवालिया और विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल के साथ उनकी बैठक हुई।
सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान इसके लिए सही माहौल उपलब्ध कराएगा ताकि बैठक स्वतंत्र, निष्पक्ष, सार्थक और आइसीजे के आदेशों के अनुरूप हो सके।
पाकिस्तान ने जाधव को सोमवार को काउंसलर एक्सेस देने को कहा था
इससे पहले रविवार को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को सोमवार को काउंसलर एक्सेस देने को कहा था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि जेल में बंद कुलभूषण जाधव को सोमवार को वियाना कन्वेंशन, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा।
पिछले महीने भारत ने ठुकरा दिया था प्रस्ताव
बता दें कि इससे पहले पिछले महीने 1 अगस्त को भी पाकिस्तान ने इस तरह का प्रस्ताव दिया था, जिसे भारत ने ठुकरा दिया था। दरअसल भारत बगैर किसी शर्त राजनयिक पहुंच की मांग कर रहा है। पाकिस्तान ने इस दौरान जाधव को दो भारतीय राजनयिकों से मिलने की इजाजत तो दी थी। साथ में यह शर्त रखी थी कि उसके साथ एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी भी होगा। इस पर भारत ने एतराज जताया था और कहा था कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुरूप राजनयिक पहुंच मिलनी चाहिए।
मोहम्मद फैजल ने ट्वीट कर दी थी जानकारी
गौरतलब है कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने ट्वीट करके जानकारी दी कि 2 अगस्त को कुलभूषण को विएना समझौते, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले और पाकिस्तानी कानून के मुताबिक 2 सितंबर, 2019 को राजनयिक पहुंच दी जाएगी। बहरहाल अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पाकिस्तान का नया प्रस्ताव पिछले से कितना भिन्न है।
सही संदर्भ में हर कदम उठाया जाना चाहिए
बता दें कि भारत ने आइसीजे के फैसले के तुरंत बाद ही पाकिस्तान से आग्रह किया था कि उस फैसले के सही संदर्भ में हर कदम उठाया जाना चाहिए। इसमें जाधव को राजनयिकों से मुलाकात का मुद्दा सबसे अहम है क्योंकि इसी से आगे जाधव के खिलाफ पाकिस्तान में चलाए जा रहे कानूनी प्रक्रिया को लेकर भारतीय पक्षकार रणनीति बना सकेंगे।
आइसीजे में भारत को मिली जीत
बता दें कि जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने 11 अप्रैल 2017 को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद भारत इस मामले को लेकर 8 मई 2017 को हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) पहुंचा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में विएना संधी का उल्लंघन किया है। आइसीजे में यह मामला तकरीबन दो वर्ष दो महीने तक चला। इसके बाद इस साल 18 जुलाई को कोर्ट के 16 सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ में 15-1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया यानी 15 न्यायाधीशों ने भारत के पक्ष का समर्थन दिया। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि दूसरे देश के अधिकारी या सैन्यकर्मी को पकड़े जाने पर लागू विएना समझौते के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने कदम नहीं उठाये हैं।