पैरालायसिस अटैक, तुरंत करें ये उपाय, बच सकते हैं बड़ी समस्या से

पैरालायसिस अटैक

पैरालायसिस अटैक: लकवा (Paralysis) एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर के एक हिस्से या पूरे शरीर में अस्थायी या स्थायी मूवमेंट (चलने-फिरने) की क्षमता समाप्त हो जाती है। यह आमतौर पर मस्तिष्क में रक्त प्रवाह के रुकने, नसों के दबने या चोट लगने के कारण होता है। अगर लकवे का अटैक अचानक आए, तो तुरंत कुछ उपायों को अपनाकर आप स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं और बड़ी समस्या से बच सकते हैं।

 

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पैरालायसिस अटैक आने पर तुरंत करें ये उपाय:

1. तुरंत 911 (या आपातकालीन नंबर) पर कॉल करें:

पैरालायसिस अटैक : अगर लकवा का अटैक आ जाए, तो सबसे पहला कदम यह है कि आप किसी डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करें। अपने नजदीकी आपातकालीन नंबर पर कॉल करें और जल्दी से जल्दी मदद प्राप्त करने की कोशिश करें। लकवा एक गंभीर और खतरनाक स्थिति हो सकती है, लेकिन सही समय पर किए गए उपायों से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

 

2. तुरंत सिर को सीधा रखें:

अगर लकवा का अटैक आ गया है, तो व्यक्ति को सिर को सीधा और आराम से रखें। सिर को झुका हुआ या खड़ा न रखें, क्योंकि यह रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।

 

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3. पानी का सेवन न करें:

अगर व्यक्ति लकवा का शिकार हो गया है, तो उसे पानी, खाना या कोई अन्य तरल पदार्थ न दें, क्योंकि ये उसके गले में फंस सकते हैं और घातक हो सकते हैं।

4. मालिश और प्राणायाम:

पैरालायसिस अटैक : अगर आप लकवे से बचना चाहते हैं, तो नियमित रूप से सिर, गर्दन और हाथों की हल्की मालिश करें। इसके साथ ही प्राणायाम (योग का अभ्यास) करने से रक्त संचार बेहतर रहता है और लकवा के खतरे को कम किया जा सकता है।

 

5. सामने के हिस्से को आराम दें:

यदि लकवा अचानक आ जाता है और शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस होती है, तो उस हिस्से को आराम देना जरूरी है। जैसे ही शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी महसूस हो, उस हिस्से को हल्का सा सहारा दें ताकि वह जकड़े न।

6. स्ट्रोक (stroke) के लक्षण पहचानें:

पैरालायसिस अटैक : लकवा और स्ट्रोक के लक्षण लगभग समान हो सकते हैं। स्ट्रोक का एक सामान्य लक्षण अचानक चेहरे का टेढ़ा होना, आंखों में धुंधलापन या बोलने में कठिनाई हो सकती है। इन लक्षणों को पहचान कर जल्दी इलाज करवाना आवश्यक है।

7. हल्के आहार का सेवन करें:

व्यक्ति को हल्का और सुपाच्य आहार देना चाहिए, जैसे दाल, सूप या तरल आहार, ताकि उसका पाचन सही रहे और शरीर में अधिक भारीपन न आए।

 

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8. आयुर्वेदिक उपचार और हर्बल उपाय:

  • आंवला – आयुर्वेद में आंवला को बहुत फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह शरीर के तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है।
  • हल्दी – हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर के तंत्रिका तंत्र को सही रखने में मदद करते हैं।
  • ब्राम्ही – ब्राम्ही को तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह मानसिक स्थिति को शांत करता है और लकवे के खतरे को कम करता है।

9. पारंपरिक उपाय:

  • ध्यान और योग – मानसिक शांति के लिए ध्यान (meditation) और योग का अभ्यास करें। इससे तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • अश्वगंधा – यह आयुर्वेदिक हर्ब शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करता है, जो लकवा जैसी स्थितियों में सहायक हो सकता है।

10. समय से पहले इलाज:

पैरालायसिस अटैक : लकवा का सबसे अच्छा इलाज समय पर किया गया इलाज है। अगर आपको या आपके आसपास किसी को लकवा आने का खतरा महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और सही जांच करवाएं। समय रहते इलाज से लकवे के असर को कम किया जा सकता है।

 

लकवा एक गंभीर और खतरनाक स्थिति हो सकती है, लेकिन सही समय पर किए गए उपायों से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी लकवा का अटैक आए, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें और उसे गंभीरता से लें। साथ ही, नियमित योग, प्राणायाम, सही आहार और जीवनशैली से लकवा जैसी स्थितियों से बचा जा सकता है।

 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. हम इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

 

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