पत्रकार मर्डर : बॉडी ले जाने से इंकार, अस्पताल के बाहर बैठे धरने पर

Johar36garh (Web Desk)| गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की मौत के बाद परिवार और स्थानीय पत्रकारों में काफी गुस्सा है। विक्रम के परिवार वालों ने उनका पार्थिव शरीर लेने से मना कर दिया है। उनका कहा है कि जब कि इस केस का मुख्य आरोपी नहीं पकड़ा जाता तब तक वह विक्रम का पर्थिव शरीर नहीं लेंगे। परिवार और स्थानीय पत्रकार अस्पताल में डीएम गाजियाबाद को बुलाने की बात पर अड़े हुए हैं। बता दें कि बीते सोमवार की रात बदमाशों ने विक्रम जोशी के सिर में गोली मार दी थी। गोली मारने से पहले बदमाशों ने पत्रकार को बुरी तरह पीटा भी था। वारदात के वक्त पत्रकार की दो बेटियां भी वहां थीं।

अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे विक्रम के परिवार वाले और स्थानीय पत्रकार ने उनके बच्चों की आगे की पढ़ाई का खर्चा प्रशासन से वहन करने और एक बड़ी मुआवजा राशि मृतक पत्रकार को देने की मांग कर रहे हैं। इसको देखते हुए भारी पुलिस बल और सिटी मजिस्ट्रेट, एस पी सिटी मौके पर पहुंचकर परिवार को समझाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन परिवार ने डीएम को मौके पर बुलाने और उनकी मांगें मानने की मांग रखी है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की गलतियों की सजा विक्रम को मिली है।

वहीं, गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडे ने बताया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल विक्रम के परिवार वालों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि, पत्नी को नौकरी और बच्चों को निशुल्क पढ़ाई कि इंतजाम करने के निर्देश दिए है।

विक्रम जोशी मर्डर केस में पुलिस ने जारी की 10 लोगों की लिस्ट जारी की जिसने खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से तीन 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 6 हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एक आरोप अब भी फरार है। गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि दो मुख्य आरोपी रवि और छोटू सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके कब्जे से एक अवैध हथियार भी जब्त किया गया है।

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