नई दिल्ली
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि अगले दलाई लामा एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश से होंगे, चीन से तो बिल्कुल नहीं। उन्होंने कहा कि अगले दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया किसी पदधारी के निधन के बाद ही शुरू होती है। साथ ही आशा और प्रार्थना की कि 14वें दलाई लामा 40 और वर्षों तक जीवित रहें।
खांडू ने एक साक्षात्कार में कहा, 'दलाई लामा का स्वास्थ्य बहुत अच्छा है। अपनी 90वीं जन्मतिथि समारोह के अवसर पर उन्होंने खुद कहा कि वह लगभग 130 वर्ष तक जीवित रहेंगे। इसलिए हम सभी प्रार्थना करते हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह 130 वर्ष तक जीवित रहेंगे।'
दलाई लामा के जन्म पर बोले खांडू
दलाई लामा के अनुयायी और बौद्ध धर्मावलंबी मुख्यमंत्री ने अगले दलाई लामा के चयन के बारे में कहा, 'पूरे नियम तय हैं, सभी प्रक्रियाएं तय हैं। अभी इस बारे में अटकलें लगाने का कोई मतलब नहीं है। अभी यह अनुमान लगाने का कोई मतलब नहीं है कि उनका जन्म कहां होगा, किस क्षेत्र में होगा, भारत में होगा या तिब्बत में।
उन्होंने कहा कि केवल एक स्पष्टता है, जो दलाई लामा ने शायद एक साक्षात्कार में कही है कि अगले दलाई लामा का जन्म एक स्वतंत्र विश्व में होगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट अगले दलाई लामा की खोज करेगा।
हिंदी को लेकर सीएम ने की टिप्पणी
भाषा विवाद के बीच खांडू ने कहा कि हिंदी उनके राज्य को जोड़ने वाली भाषा है। जब से अरुणाचल प्रदेश में शिक्षा आई है, तब से हिंदी स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा रही है और इसे सीखने में कोई समस्या नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में इतनी विविधता है कि 26 प्रमुख जनजातियां और 100 से ज्यादा उप-जनजातियां अपनी-अपनी भाषाएं और बोलियां बोलती हैं।
उन्होंने कहा, 'अगर मैं अपनी बोली, अपनी भाषा में बोलूंगा तो दूसरी जनजाति के लोग समझ नहीं पाएंगे। इसलिए हर कोई हिंदी बोलता है। व्याकरण संबंधी गलतियां जरूर होंगी, लेकिन अगर आप किसी भी गांव में जाएं, तो सभी ग्रामीण हिंदी समझेंगे और बोलेंगे। हम चुनाव प्रचार में और विधानसभा में भी हिंदी बोलते हैं।'