गुवाहाटी
पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय असम के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी स्थित ‘स्वाहिद स्मारक क्षेत्र’ में असम आंदोलन के शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद डिब्रूगढ़ में अमोनिया-यूरिया प्लांट का उद्घाटन किया, जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता 12.7 लाख टन होगी। यह यूनिट 2030 तक चालू हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती थीं। जो काम कांग्रेस को उस समय करना था, उसने नहीं किया। इसलिए मुझे एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ रही है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को कांग्रेस ने ही बसाया है और कांग्रेस ही उन्हें बचा रही है। SIR का विरोध कर रही है। तुष्टिकरण और वोट बैंक के इस कहर से हमें असम को बचाकर रखना है। मैं आपको गारंटी देता हूं कि असम की पहचान और सम्मान की रक्षा के लिए भाजपा फौलाद बनकर खड़ी है।
इससे पहले पीएम ने गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी में क्रूज पर 25 बच्चों के साथ करीब 45 मिनट परीक्षा पे चर्चा भी की। मोदी ने नामरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्प लिमिटेड (BVFCL) के मौजूदा परिसर में नए फर्टिलाइजर यूनिट की आधारशिला रखी।
ANI के मुताबिक गुवाहाटी दौरे पर परीक्षा पर चर्च कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री ने असम के 25 प्रतिभाशाली छात्रों से बात करेंगे. यह बातचीत ब्रह्मपुत्र नदी में चल रहे एक क्रूज पर आयोजित की जाएगी. असम आंदोलन (1979-1985) ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और ऑल असम गण संग्राम परिषद के नेतृत्व में चला था. इसका मुख्य उद्देश्य अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर करना था. इस आंदोलन के दौरान व्यापक प्रदर्शन, हड़तालें और पुलिस कार्रवाई हुईं, जिसमें सैकड़ों लोग शहीद हो गए. आंदोलन का समापन 1985 में असम समझौते के साथ हुआ, जिस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हस्ताक्षर किए थे.