Sunday, September 15, 2024
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साबरमती रिवर फ्रंट से पीएम मोदी ने कहा, स्वच्छता की वजह से इलाज पर खर्च भी घटा

अहमदाबाद: देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (Mahatma Gandhi’s 150th anniversary) पर आज भारत (India) ही नहीं दुनियाभर में तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर नई दिल्ली के राजघाट (Rajghat) पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. बुधवार शाम प्रधानमंत्री मोदी अपने तय कार्यक्रम के तहत अहमदाबाद (Ahmedabad) पहुंचे और लोगों को संबोधित किया. इस कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी (PM Narendra Modi) साबरमती आश्रम पहुंचे और बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पीएम मोदी ने आश्रम में मौजूद बच्चों से भी मुलाकात की. पीएम मोदी ने साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) का अवलोकन भी किया और वहां मौजूद गांधी से जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी भी ली. इसके बाद वे साबरमती रिवर फ्रंट (Sabarmati River Front) पहुंचे और देश को खुले में शौच मुक्त घोषित किया. पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत कार्यक्रम में पहुंचे सभी स्वच्छाग्रहियों को नमन भी किया.

आपको बता दें कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) अपने गृह राज्य गुजरात (Gujarat) के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने साबरमती रिवर फ्रंट (Sabarmati River Front) पर होने वाले कार्यक्रम में गुजरात भर के 20 हजार से अधिक सरपंचों को संबोधित भी किया. इसके बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने GMDC ग्राउंड पर आयोजित गरबा (Garba) महोत्सव में भी शिरकत की.

सरपंचों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “बापू की जयंती का उत्सव तो पूरी दुनिया मना रही है. कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र ने डाक टिकट जारी कर इस विशेष अवसर को यादगार बनाया और आज यहां भी डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया है. मैं आज बापू की धरती से, उनकी प्रेरणा स्थली, संकल्प स्थली से पूरे विश्व को बधाई देता हूं. यहां आने से पहले मैं साबरमती आश्रम गया था. अपने जीवन काल में मुझे वहां अनेक बार जाने का अवसर मिला है. हर बार मुझे वहां पूज्य बापू के सानिध्य का एहसास हुआ. आज मुझे वहां एक नई ऊर्जा भी मिली”.

उन्होंने आगे कहा, “आज साबरमती की ये प्रेरक स्थली स्वच्छाग्रह की एक बड़ी सफलता की साक्षी बन रही है. यह हम सभी के लिए खुशी और गौरव का अवसर है. आज ग्रामीण भारत ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है. स्वेच्छा से, स्वप्रेरणा से और जनभागीदारी से चल रहे स्वच्छ भारत अभियान की यह शक्ति भी है और सफलता का स्रोत भी है. मैं हर देशवासी को विशेषकर गांवों में रहने वालों को हमारे सरपंचों को तमाम स्वच्छाग्रहियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. आज जिन स्वच्छाग्रहियों को यहां स्वच्छ भारत पुरस्कार मिले हैं उनका भी बहुत-बहुत अभिनंदन. जिस तरह देश की आजादी के लिए बापू के एक आह्वान पर लाखों भारतवासी सत्याग्रह के रास्ते पर निकल पड़े थे. उसी तरह स्वच्छाग्रह के लिए भी करोड़ों देशवासियों ने खुले दिल से अपना सहयोग दिया”.

पीएम मोदी ने लाल किले का अपना भाषण याद करते हुए कहा, “5 वर्ष पहले जब लाल किले से मैंने स्वच्छ भारत के लिए देशवासियों को पुकारा था तब हमारे पास सिर्फ जनविश्वास था और बापू का अमर संदेश था. बापू कहते थे कि दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं पहले वो स्वयं में लाना होगा. इसी मंत्र पर चलते हुए हम सभी ने झाड़ू उठाई और निकल पड़े. उम्र कुछ भी हो सामाजिक और आर्थिक स्थिति कैसी भी हो स्वच्छता, गरिमा और सम्मान के इस यज्ञ में हर किसी ने अपना योगदान दिया. जिस शौचालय की बात करने में कभी झिझक होती थी, वह शौचालय आज देश की सोच का अहम हिस्सा हो गया”.

उन्होंने आगे कहा, “आज हमारी इस सफलता से दुनिया चकित है. आज पूरा विश्व हमें इसके लिए पुरस्कृत कर रहा है सम्मान दे रहा है. 60 महीने में 60 करोड़ से अधिक आबादी को टॉयलेट की सुविधा देना, 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण, ये सुनकर विश्व अचंभित है. लेकिन मेरे लिए किसी भी आंकड़े, किसी भी प्रशंसा, किसी भी सम्मान से बड़ा संतोष तब होता है, जब मैं बच्चियों को बिना किसी चिंता के स्कूल जाते देखता हूं”.

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