पीएससी फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत, कहा देश और समाज की सेवा ही मेरा पहला कर्तव्य

पीएससी फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2024 की परीक्षा में पामगढ़ के रोशन ओग्रे ने 138 रैंक हासिल किया है। उनका यह तीसरा प्रयास था। रोशन के पामगढ़ पहुंचने पर डॉ भीमराव अंबेडकर चौक पर भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में नगर और समाज के लोग पहुंच कर बधाई दिए।

पीएससी फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत
पीएससी फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत

पीएससी फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत, डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लिया आशीर्वाद

पीएससी फाइटर रोशन ओग्रे के पामगढ़ पहुंचे पर ढोल नगाड़े के साथ नगरवासियों ने स्वागत किया | रोशन ने सबसे पहले डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया | जिसके बाद मौजूद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया| ढोल नगाड़े के साथ उन्हें घर तक ले गए | जहाँ सभी का मिठाई से मुह मीठा कराया गया |

 

पीएससी फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत, समाज के आशीर्वाद से मिली सफलता

पीएससी फाइटर रोशन ओग्रे ने जोहार36 गढ़ न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के द्वारा दिए गए संदेश कि जब तक सफलता न मिल जाए तब तक मेहनत करते रहो को ध्यान में रखकर मैंने प्रयास किया और तीसरे प्रयास में सफलता हासिल हुई। उन्होंने बताया कि पढ़ाई में माता-पिता के अलावा समाज के लोगों का आशीर्वाद मिलता रहा जिसकी वजह से मुझे यह सफलता हासिल हुई।

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पीएससी फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत, तीसरी बार में हुआ सफल

रोशन ने आगे कहा कि देश राज्य और समाज की सेवा के लिए ही यह मेहनत की है। आगे चलकर मैं देश राज्य और समाज के विकास के लिए कार्य करता रहूंगा। रोशन ने बताया कि वह 2017 से लगातार तैयारी कर रहा था। पहली बार उन्होंने 2021 में पीएसी की परीक्षा दिलाई। जिसमें उनका रैंक 366 रहा। दूसरी बार 2023 में प्रयास किया जिसमें उन्हें 391 रैंक मिला। 2024 में हुए परीक्षा का परिणाम उनके लिए फायदेमंद रहा और उनका रैंक बढ़कर 136 में पहुंच गया और उनका नाम संभावित सूची में शामिल हो गया।

पीएससी फाइटर रौशन

फाइटर रौशन के पामगढ़ पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत, सभी का मिला सहयोग

आपको बता दें कि रोशन के पिता सुखसागर ओग्रे किसान परिवार से हैं। पढ़ाई के दौरान खर्च की परवाह ना करते हुए उनका सहयोग किया। सुखसागर का उनके भाइयों से भी सहयोग मिलता रहा जिसकी वजह से बड़ी-बड़ी परेशानी से भी निपटने में आसानी गई। सुखसागर ने कहा कि उनका बेटा देश और समाज के लिए अच्छे से अच्छा कार्य करेगा।

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