Friday, November 22, 2024
spot_img

राजस्थान-केकड़ी में निकली घास भैरू की परंरागत सवारी, लोगों ने एक-दूसरे पर फेंके जलते पटाखे

केकड़ी.

दिवाली पर्व पर केकड़ी शहर में पटाखे जलाकर एक दूसरे पर फेंकने की विकृत परंपरा हर साल की तरह इस बार भी बदस्तूर जारी रही है। पुलिस के तमाम बड़े-बड़े दावों के बावजूद शुक्रवार रात केकड़ी के मुख्य बाजार में शरारती तत्त्व एक दूसरे पर पटाखे फेंकने से बाज नहीं आए। पटाखेबाजी का यह रूप आज शनिवार को घास भैरू की सवारी के दौरान कई गुना अधिक विकराल होकर सामने आने का अनुमान जताया जा रहा है। जलते पटाखे फेंकने का यह सिलसिला दोपहर से ही शुरू हो जाता है, जो देर रात तक चलता है।

दिवाली मनाने के दिन को लेकर इस बार अन्य स्थानों की तरह केकड़ी शहर में भी असमंजस बना रहा, जिसके चलते कई लोगों ने गुरुवार को लक्ष्मी पूजन किया, तो कई ने शुक्रवार को। पूजन भले ही अलग-अलग दिन किये हो, मगर सभी लोगों ने दो दिन तक दिवाली के त्योहार की खुशी मनाई। गुरुवार को तो शहर में पटाखेबाजी नहीं होने से शांति बनी रही, मगर शुक्रवार को यहां रात्रि आठ बजते-बजते युवाओं की कुछ टोलियों ने शहर के हृदय स्थल घंटाघर व इससे जुड़ी गलियों के साथ-साथ अजमेरी गेट व तीन बत्ती चौराहे पर मोर्चा जमाकर पटाखा युद्ध शुरू कर दिया। जो रात 11 बजे तक रह-रह कर चलता रहा। हालांकि, माहौल भांपकर लोगों ने जल्दी ही पर्व से संबंधित पूजा-अनुष्ठान आदि निपटा लिए, जिससे उस समय तक बाजारों में चहल-पहल भी कम हो गई। पुलिस थाने से कुछ ही कदम दूर स्थित यह इलाका शरारती तत्त्वों के सक्रिय होते ही कुछ घण्टों तक अंगारों की बारिश व धुएं के गुबार से भरा रहा, पर पुलिस प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। यहां तक कि इस दौरान पर्व के मद्देनजर एहतियातन मौके पर तैनात किए गए। पुलिस के जवान भी मूकदर्शक की तरह खड़े दिखाई दिए। इससे पूर्व अजमेर रोड़ पर कल्याण कॉलोनी के समीप भी इस तरह की पटाखेबाजी दोपहर को ही शुरू कर दी गई, जो रात होने तक चलती रही। बहरहाल, शुक्रवार को हुई पटाखेबाजी तो सिर्फ एक बानगी थी, असली अग्नि परीक्षा आज शनिवार को है, पुलिस व प्रशासन की भी और शहरवासियों की भी। गोवर्धन पर्व पर शाम होने के बाद शहर में निकाली जाने वाली घास भैरू की सवारी कई बरसों से इस तरह की पटाखेबाजी का मुख्य निशाना बनती आई है, जिसमें शरारती तत्त्व पटाखें जलाकर एक-दूसरे पर फेंकते हैं और जमकर तांडव मचाते है। यह सिलसिला दोपहर से ही शुरू हो जाता है, जो देर रात्रि घास भैरू की नगर परिक्रमा पूरी होने तक चलता है। इस बार भी फेंकने में प्रयोग किये जाने वाले प्रतिबंधित पटाखे शहर में जमकर बिके हैं, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि घास भैरू की सवारी के दौरान हमेशा की तरह ही पटाखेबाजी का वही मंजर देखने को मिलेगा, जिसे अंगारों की होली कहा जाए, तो अतिशियोक्ति नहीं होगी। कहने को तो पुलिस प्रशासन ने इस बार भी कमर कसी है और शहर में एक-दूसरे पर पटाखे फेंककर उपद्रव मचाने वाले असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। मगर धरातल पर पुलिस के ये इरादे व जज्बा कितना असर दिखायेगा, यह देखने वाली बात होगी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक केकड़ी रामचंद्र सिंह ने कहा है कि बैल पूजन व घास भैरू की सवारी के दौरान परंपरा की आड़ में एक-दूसरे पर पटाखे फेंकने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस सख्ती से पेश आएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस शहर की शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के हर संभव प्रयास करेगी। गोवर्धन पूजा के दिन एक-दूसरे पर पटाखे फेंकने की दूषित परंपरा है। इसे रोकना जरूरी है ताकि किसी प्रकार की जनहानि ना हो। उन्होंने कहा कि बैल पूजन के दिन किसी भी प्रकार का उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में गत शनिवार को केकड़ी शहर थाना प्रांगण में आयोजित सीएलजी व शांति समिति की बैठक में भी गंभीरता से चर्चा की गई। बैठक में एसडीएम सुभाष चंद्र हेमानी, डीएसपी हर्षित शर्मा, थानाधिकारी कुसुमलता मीणा, डिस्कॉम एईएन मुकेश मीणा, नगर परिषद के स्वास्थ्य निरीक्षक आशीष खैराल आदि ने भी इस संबंध में सुझाव दिए थे। अब देखना ये है कि पुलिस पटाखे जलाकर लोगो पर फेंकने वाले तत्त्वों से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाएगी।

Related Articles

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles