राजस्व प्रकरणों के निराकरण में विलंब के लिए संबंधित एसडीएम जिम्मेदार होंगे – कलेक्टर

Johar36garh (Web Desk)कलेक्टर यशवंत कुमार ने आज विडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्व विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए सभी एसडीएम से कहा के भूमि संबंधी विवादों प्रकरणों का यथाशीघ्र निराकरण की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों की संख्या कम होनी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि सीमांकन, बटांकन, रिकार्ड दुरूस्तीकरण, नक्शा अद्यतन करना, फौती काटना, नामान्तरण, बटवारा आदि के कार्य समय पर पूर्ण होने चाहिए ताकि भूमि संबंधी विवाद कम हो सके। कलेक्टर ने कहा कि इन प्रकरणों के लंबित होने पर संबंधित अनुविभाग के एसडीएम जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी अनुभाग में सीमांकन के प्रकरण एक सप्ताह से ज्यादा लंबित नही होने चाहिए। इसके लिए राजस्व विभाग के मैदानी अमलों पर कड़ाई करते हुए निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि एसडीएम अपने अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण समय पर करना सुनिश्चित करें। राजस्व न्यायालय के शत-प्रतिशत प्रकरण ई-कोर्ट में दर्ज हो, यह सुनिश्चित किया जाए।

त्वरित निराकरण कर मुआवजा भुगतान की कार्यवाही करें-
कलेक्टर ने मुआवजा संबंधित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय और सिविल न्यायालय मे दर्ज प्रकरणों को छोड़कर शेष प्रकरणों का भुगतान के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए। एसडीएम व तहसील न्यायालय मे मुआवजा संबंधित प्रकरण का त्वरित निराकरण कर मुआवजा भुगतान की कार्यवाही करें। एसडीएम व तहसील न्यायालय मे दर्ज प्रकरणों के कारण मुआवजा लंबित ना रहे यह सुनिश्चित करें। आवश्यकता पड़ने पर गांव में जाकर भुगतान करवाया जा सकता है।

जाति, निवास प्रमाण पत्र घर तक पहुंचाया जाएगा –
कलेक्टर ने कहा कि विगत वर्ष स्कूलों के माध्यम से बनाए जा रहे जाति प्रमाण पत्र के लंबित प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से करें। राज्य शासन के निर्देशानुसार जाति, निवास प्रमाण पत्र आवेदक के घर तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए आवेदक से रजिस्ट्री शुल्क का टिकट लगा हुआ लिफाफा अथवा डाक रजिस्ट्री शुल्क आवेदन के साथ जमा करवाना होगा। प्रमाण पत्र जारी होते ही संबंधित के पते पर रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से प्रेषित किया जाए। इसी प्रकार हॉस्पिटल में जन्म लेने वाले बच्चों का जाति प्रमाण पत्र भी हॉस्पिटल में ही देने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग से समंन्वय कर बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया सुनिश्चित किया जाय।

अतिक्रमण हटाने के बाद शासकीय भूमि को सुरक्षित रखना राजस्व विभाग की जिम्मेदारी –
कलेक्टर ने कहा कि शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद उसे सुरक्षित रखने की जवाबदारी राजस्व विभाग के मैदानी अमलों की हैं। विगत वर्षों में लाल झंण्डी लगाकर शासकीय भूमि को चिन्हित किया गया था। चिन्हांकन के बावजूद भी लोगों द्वारा अतिक्रमण कर खेती करने की शिकायत प्राप्त हुई है। इन सभी प्रकरणों में राजस्व विभाग कड़ाई बरते। अतिक्रमित शासकीय भूमि में लगाए गए फसल को जप्ती बनाकर नीलाम किया जाएगा। शासकीय भूमि के चिन्हांकन के बावजूद अधिक्रमित होना राजस्व विभाग के मैदानी अमलों की कमजोरी है। उन्होंने सभी एसडीएम से कहा कि अतिक्रमित होने की सूचना तत्काल मिलनी चाहिए, इसके लिए पटवारी, राजस्व निरीक्षक को सक्रिय करें। अतिक्रमण मुक्त हुए शासकीय भूमि के उपयोग के लिए डबरा, तालाब जैसे मिट्टी के कार्य मनरेगा से स्वीकृत करने का प्रस्ताव प्रेषित करवायें। इससे मछली पालन आदि के कार्य से गांवों में आजीविका के श्रोत बढ़ेगें और भूमि आतिक्रमण से सुरक्षित रहेगी।

बाजार मूल्य से कम मूल्य आने पर शासकीय भूमि की नीलामी स्थगित होगी –
कलेक्टर ने नगरी क्षेत्र के शासकीय रिक्त भूमि के नीलामी के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि बाजार मूल्य से कम निविदा मूल्य आने पर नीलामी की प्रक्रिया स्थगित कर दी जाएगी। बाजार मूल्य से कम दाम पर शासकीय भूमि की नीलामी किसी भी स्थिति में नहीं होगी। उन्होंने राजीव आश्रय योजना, नजूल पट्टा नवीनीकरण, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के कार्य की समीक्षा की। नगरीय क्षेत्रों मे अधिक्रमित कर निवास करने वाले परिवार से आवेदन लेकर नियमानुसार नियमित करने अथवा व्यवस्थापन की प्रक्रिया तेजी लाएं। इसके लिए राजस्व विभाग को स्वयं रुचि लेकर कार्य करना होगा। आवेदन नहीं आने की स्थिति में अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
विडियो काॅफ्रेस के दौरान अपर कलेक्टर द्वय श्रीमती लीना कोसम, श्री एसएस पैकरा, डिप्टी कलेक्टर केएस पैकरा सहित सभी एसडीएम उपस्थित थे।

Join WhatsApp

Join Now